उत्तर प्रदेश सरकार की ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ (सीएम युवा) योजना प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार और इनोवेशन की दिशा में एक सशक्त मंच बनती जा रही है। इस योजना के माध्यम से युवा न केवल अपने सपनों को साकार कर रहे हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। योजना के तहत अब तक 53,000 से अधिक ऋण आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं और 40,000 से अधिक युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जा चुका है। वहीं यह योजना उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की दिशा में भी गति दे रही है। इस योजना के तहत केक मैन्युफैक्चरिंग, लॉन्ड्री, डिजिटल मार्केटिंग, इंटीरियर और एक्सटीरियर डिजाइनिंग, मिनरल वाटर प्लांट, टैटू स्टूडियो और सोलर पैनल इंस्टॉलेशन जैसे विविध क्षेत्रों में ऋण प्रदान किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में न केवल स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को भी बल मिल रहा है। उदाहरण के तौर पर, डिजिटल मार्केटिंग और सोलर पैनल इंस्टॉलेशन जैसे क्षेत्र तकनीकी विकास और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि केक मैन्युफैक्चरिंग और लॉन्ड्री जैसी सेवाएं स्थानीय जरूरतों की पूर्ति कर रही हैं।
गौरतलब है कि सीएम युवा योजना को वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य 21 से 40 वर्ष आयु वर्ग के शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। इस योजना के अंतर्गत युवाओं को 5 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त और गारंटी मुक्त ऋण, 10 प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान तथा डिजिटल लेन-देन पर प्रति लेनदेन 1 रुपए (अधिकतम 2,000 रुपए प्रतिवर्ष) की सब्सिडी दी जाती है। यूपी में अगले 10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए 2024-25 के बजट में 1000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इच्छुक युवा इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन msme.up.gov.in या cmyuva.iid.org.in पर कर सकते हैं।
इस योजना से जुड़ी कई सफलता की कहानियां युवाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं। कानपुर की प्रभनूर कौर ने केक मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रशिक्षण लिया और मार्च 2025 में 4.25 लाख रुपए का ऋण लेकर ‘स्वीट स्कल्प बाय कौर्स’ नामक यूनिट शुरू की। आज उनकी यूनिट सफलतापूर्वक चल रही है और उन्होंने दो महिलाओं को भी रोजगार दिया है। इसी तरह, कानपुर के गीत सोनकर ने इंटीरियर और एक्सटीरियर डिजाइनिंग के लिए 2.7 लाख रुपए का ऋण प्राप्त कर ‘जीएस इंटीरियर एंड एक्सटीरियर’ यूनिट स्थापित की है, जिससे मशीनों की स्थापना के साथ रोजगार भी सृजित हुआ है। ललितपुर के यशवंत विश्वकर्मा ने 5 लाख रुपए के ऋण से टैटू स्टूडियो शुरू किया और खुद के साथ-साथ अन्य लोगों को भी रोजगार दिया। जौनपुर के अनुराग ने 4.5 लाख रुपए के ऋण से सोलर पैनल इंस्टॉलेशन यूनिट शुरू की, जिससे तीन लोगों को रोजगार मिला। चित्रकूट के अनिकेत सिंह, जो पहले गुजरात में लॉन्ड्री वर्कर थे, उन्होंने 5 लाख रुपए के ऋण से अपना व्यवसाय शुरू किया और अब 30-35 हजार रुपए मासिक आय के साथ तीन लोगों को रोजगार दे रहे हैं। इटावा के मोहम्मद मुर्शलीन ने 3.4 लाख रुपए के ऋण से व्हे प्रोटीन यूनिट शुरू की और एक व्यक्ति को रोजगार दिया। वहीं इटावा के ही दीपेंद्र दीक्षित ने 4.2 लाख रुपए का ऋण लेकर दलिया प्रसंस्करण इकाई शुरू की और दो लोगों को रोजगार दे रहे हैं। -( IANS)