बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हिंडन एयरबेस पर वायु सेना के गरुड़ कमांडो और नेशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) के कड़े पहरे में है। उनकी सुरक्षा के साथ-साथ भारत शेख हसीना को यूरोपीय देश में राजनीतिक शरण दिलाने में मदद कर रहा है। बांग्लादेश में 05 अगस्त को अचानक बगावत से प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देने के बाद अपनी बहन और टीम के साथ भारतीय वायु सेना के हिंडन एयरबेस पर शाम करीब 5:36 बजे अपने देश के सी-130 जे हरक्युलिस विमान से पहुंचीं।
उनका ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बांग्लादेश लौट गया है लेकिन जल्दबाजी में भारत आए उनकी टीम के सदस्य अपने साथ कपड़े या कोई अन्य दैनिक उपयोग के सामान नहीं ला सके थे। भारतीय अधिकारियों ने हसीना की टीम के सदस्यों को कपड़े और अन्य सामान खरीदने में मदद की।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते बुधवार को बांग्लादेश के मौजूदा हालात, वर्तमान में बांग्लादेश में भारतीयों और अल्पसंख्यकों की स्थिति और दो दिनों से हिंडन भारतीय वायुसेना अड्डे पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर से मुलाकात के बारे में जानकारी ली। शेख हसीना ने मंगलवार की आधी रात को भारत सरकार के एक शीर्ष अधिकारी के साथ बैठक की। भारत से लगी बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ की आशंका के चलते सेना के साथ बीएसएफ को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
इसी बीच बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग में कार्यरत भारतीय कर्मचारी और उनके परिवार के 190 सदस्य आज सुबह एक वाणिज्यिक उड़ान के जरिये ढाका से नई दिल्ली लौट आए हैं। ढाका में भारतीय उच्चायोग से गैर-आवश्यक कर्मचारियों और परिवारों की वापसी स्वैच्छिक आधार पर वाणिज्यिक उड़ान के माध्यम से हुई है। हालांकि उच्चायोग में कार्यरत लगभग 20 से 30 वरिष्ठ भारतीय राजनयिक अब भी बांग्लादेश में हैं।