प्रभु श्रीराम के टाट से ठाट तक का सफर इस साल 22 जनवरी 2024 को पूर्ण हुआ था। इसके बाद से ही अयोध्या जी की पावन भूमि पर प्रतिदिन श्रद्धालुओं की लाखों की भीड़ उमड़ना शुरु हो गया है। इसी के साथ 500 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद अब पहली बार राम लला के भव्य मंदिर में राम नवमी पर्व भव्य रुप से मनाई जाने वाली है।
इस राम नवमी क्या है खास?
राम नवमी की तमाम तैयारियाँ लगभग पूरी हो गई हैं और इस बार सबसे अहम राम नवमी होने के शुभ अवसर पर एक शुभ प्रयोग किया जा रहा है। इस बार अयोध्या में रामलला की मूर्ति पर ‘सूर्य तिलक’ होगा जिसके लिए तमाम तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। नवमी से एक दिन पूर्व मंगलवार 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 12 बजे इसका सफल परीक्षण किया गया। इस ‘ सूर्य तिलक’ में अयोध्या में राम मंदिर के ‘गर्भगृह’ में राम लला के माथे पर सूर्य के प्रकाश का प्रक्षेपण शामिल है। यह कार्यक्रम 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर होने वाला है। ‘सूर्य तिलक’ दोपहर 12:16 बजे शुरू होकर 12: 21 बजे यानी पूरे 5 मिनट तक चलेगा।
चंपत राय ने क्या कुछ कहा?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मंगलवार को सूर्य तिलक के बारे में बताते हुए कहा कि राम सूर्यवंशी हैं और सूर्य उनके पूर्वज हैं, और सूर्य अपने कुल में जन्म लेने वाले बालक को तिलक लगाएंगे।
कैसे होगा सूर्य तिलक?
ज्ञात हो कि, ऑप्टिका द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बैंगलोर के सहयोग से तैयार की गई इस परियोजना में सटीक लेंस और दर्पणों की विशेषता वाली एक अनूठी डिजाइन का उपयोग किया गया है। ये तत्व प्राकृतिक सूर्य के प्रकाश का दोहन करते हैं, और इस शुभ अवसर के दौरान इसे एक दिव्य प्रतीक में बदल देते हैं।
– By Utkarsh upadhyay