प्रतिक्रिया | Tuesday, March 25, 2025

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भारतीय नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा के एक दिन पूर्व 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्यग्रहण लग रहा है। सोमवार, 8 अप्रैल को जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा, तब पश्चिमी देशों में उदित होते सूर्य पर ग्रहण लगेगा। यह सूर्यग्रहण ग्रहण मार्ग के शहरों को लगभग चाढ़े चार घंटे तक घने अंधेरे में बदल देगा। सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के निकट रहकर बीच एवं एक सीध में आ जाने से पृथ्वी के एक निश्चित भूभाग पर पूर्ण सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना दिखने जा रही है।

जानकार बताते हैं कि यह ग्रहण मैक्सिको में सिनालोओ से काहुइला, संयुक्त राज्य अमेरिका में टेक्सास से मेन तक और कनाडा मे ओंटारियो से न्यूफाउलैंड तक होकर निकलेगा। आंशिक ग्रहण पूरे उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के कुछ हिस्सों में दिखेगा।

ग्रहण का समय
भारतीय समय के अनुसार यह सूर्यग्रहण रात 9 बजकर 12 मिनट 15 सेकंड से आरंभ होकर रात्रि 2 बजकर 22 मिनट 19 सेकंड तक चलेगा। अधिकतम ग्रहण रात्रि 11 बजकर 47 मिनट 21 सेकंड पर होगी। चूंकि इस समय सूर्यास्त होने के बाद रात्रि आरंभ हो चुकी होगी, इसलिए यह भारत में दिखाई नहीं देगा। अगर आप भारत में सूर्य ग्रहण देखना चाहते हैं तो आपको दो अगस्त 2027 का इंतजार करना होगा, जबकि आप आंशिक सूर्यग्रहण देख पाएंगे।

एक साल में दो से लेकर पांच तक सूर्यग्रहण
एक गणना के अनुसार इस ग्रहण को कुछ भागों में विश्व की आबादी के लगभग 8.19 प्रतिशत लोग देख पाएंगे, तो पूर्ण ग्रहण को लगभग 0.55 प्रतिशत आबादी देखने की स्थिति में होगी। एक साल में दो से लेकर पांच तक सूर्यग्रहण हो सकते हैं। पूर्ण सूर्यग्रहण लगभग हर 18 महीने बाद हो सकता है। किसी एक शहर या गांव में पूर्ण सूर्यग्रहण होने के बाद दोबारा उसी शहर या ग्राम में दिखने की संभावना लगभग 375 साल बाद आती है।

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आखरी अपडेट: 25th Mar 2025