तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इससे पहले बुधवार 02 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार रात्रि लगभग 9 बजकर 13 मिनट से सूर्यग्रहण की घटना होने जा रही है। रात्रि में यह खगोलीय घटना होने के कारण इस ग्रहण को भारत में तो नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन अर्जेन्टीना एवं चिली में इसे एन्यूलर या वलयाकार ग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा। वहीं फिजी, उरुग्वे, ब्राजील, पेरू आदि देशों में पार्शियल या आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा। यह ग्रहण रात्रि 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
कब लगता है सूर्य ग्रहण
खगोल वैज्ञानिक ग्रहण की वैज्ञानिक जानकारी देते हुए बताया कि इस खगोलीय घटना में पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा के पहुंच जाने से कुछ देशों में सूर्य डिस्क का कुछ भाग दिखाई देना बंद हो जाएगा। इससे इन स्थानों पर वलयाकार ग्रहण तो कुछ स्थानों पर आंशिक ग्रहण दिखेगा। उन्होंने बताया कि एक गणितीय अनुमान के अनुसार इस ग्रहण का कुछ न कुछ भाग विश्व की जनसंख्या के लगभग 3.08 प्रतिशत लोग देख पाएंगे जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण को लगभग 0.002 प्रतिशत लोग ही देख सकेंगे।
रिंग ऑफ फायर के रूप में दिखेगा सूर्य
बुधवार को होने जा रहे इस ग्रहण की स्थिति में चंद्रमा पृथ्वी से लगभग चार लाख दो हजार तीन सौ किमी की दूरी पर होगा, जबकि सुपरमून की स्थिति में यह लगभग तीन लाख 60 हजार किमी दूर रहता है। पृथ्वी से दूर रहने के कारण चंद्रमा सूर्य की डिस्क को पूरी तरह नहीं ढंक पाएगा, जिससे सूर्य के बीच का भाग तो काला दिखेगा, लेकिन चारों ओर का भाग चमकता हुआ रिंग ऑफ फायर के रूप में दिखेगा। उन्होंने कहा कि अगर आप भारत में सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना को देखना चाहते हैं तो आपको 2 अगस्त 2027 का इंतजार करना होगा। उस दिन यहां एक घंटे 24 मिनट तक आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा।
ग्रहण का प्रकार – भारतीय समय (भारत में नहीं दिखेगा)
पहली लोकेशन पर आंशिकग्रहण आंरभ – रात्रि 9 बजकर 12 मिनट 59 सेकंडअधिकतम ग्रहण – रात्रि 12 बजकर 15 मिनट 04 सेकंडअंतिम लोकेशन आंशिकग्रहण समाप्ति – रात्रि 03 बजकर 17 मिनट 00 सेकंड