दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक योल ने गुरुवार को मार्शल लॉ लगाने की अपनी घोषणा का बचाव किया । उन्होंने अपने ऊपर लगे विद्रोह के आरोपों से भी इनकार किया । उन्होंने महाभियोग और मार्शल लॉ की जांच के खिलाफ अंतिम क्षण तक लड़ने की कसम खाई।
पुलिस ने राष्ट्रपति कार्यालय पर मारा छापा
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यून ने सार्वजनिक संबोधन के दौरान इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा, “चाहे मुझ पर महाभियोग लगाया जाए या जांच की जाए, मैं इसका निष्पक्ष रूप से सामना करूंगा।” इससे पहले पुलिस ने राष्ट्रपति कार्यालय पर छापा मारा। बताया जा रहा है कि जब छापेमारी हुई तो यून राष्ट्रपति कार्यालय भवन में मौजूद नहीं थे। पुलिस ने बताया कि सोल मेट्रोपॉलिटन पुलिस और नेशनल असेंबली पुलिस गार्ड्स के कार्यालयों पर भी छापे मारे गए।
दक्षिण कोरिया राजनीतिक उथल पुथल के दौर से गुजर रहा
यून और उनके सहयोगी वर्तमान में विद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रपति सहित कई पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया गया है। दक्षिण कोरिया राजनीतिक उथल पुथल के दौर से गुजर रहा है। दरअसल राष्ट्रपति यून सूक योल ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।
मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया। यून के मार्शल लॉ लगाने के कदम की विपक्षी पार्टियों के साथ ही सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी ने भी आलोचना की।