महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया। एक दिन पहले अदालत ने उन्हें बिना किसी शारीरिक हिरासत के मुकदमे का सामना करने की इजाजत दी थी। अपने समर्थकों को हाथ हिलाते हुए, यून सियोल डिटेंशन सेंटर से बाहर निकले, जहां उन्हें विद्रोह भड़काने के आरोप में 52 दिन तक हिरासत में रखा गया।
वहीं दूसरी ओर यून के खिलाफ महाभियोग और आपराधिक मुकदमे जारी रहेंगे।
अभियोजक जनरल शिम वू-जंग की ओर से निलंबित राष्ट्रपति को रिहा करने के फैसले के खिलाफ अपील न करने फैसले के कुछ समय बाद यून रिहा हुए।अपने समर्थकों के समक्ष नतमस्तक होकर यून शनिवार शाम को मध्य सोल स्थित अपने आधिकारिक आवास पर पहुंचे।
यून ने एक बयान में कहा, “मैं अवैधता को सही करने में अदालत के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना करता हूं।” अपनी रिहाई के साथ, यून बिना किसी शारीरिक हिरासत के मुकदमे का सामना करने में सक्षम हो जाएंगे।
बता दें राष्ट्रपति यून के महाभियोग मुकदमे में जल्द फैसले का ऐलान होने वाला है। इसे लेकर संवैधानिक न्यायालय के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।
पिछले महीने के अंत में कोर्ट ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ घोषित करने के मामले में यून के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई पूरी कर ली और जल्द ही यह फैसला सुनाएगा कि उन्हें पद से हटाया जाए या नहीं। फैसला सुनाए जाने की सुनवाई की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। यदि यून को औपचारिक रूप से पद से हटा दिया जाता है, तो 60 दिनों के भीतर एक त्वरित चुनाव होगा। अगर महाभियोग खारिज हो जाता है, तो यून तुरंत अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू कर देंगे।
ज्ञात हो, राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था।
नेशनल असेंबली राष्ट्रपति यून सुक-योल और उनकी जगह लेने वाले कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है। उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।(इनपुट-आईएएनएस)