असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिश्व सरमा ने कहा है, “आज भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए एक विशेष दिन है। 164 साल पुरानी औपनिवेशिक कानूनी व्यवस्था को हटाकर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम आज से लागू हो गए हैं।
ये कानून महिलाओं, बच्चों और वंचितों की सुरक्षा को देते हैं सर्वोच्च प्राथमिकता
इसके साथ ही हमारे गणतंत्र ने आधुनिक तकनीक और नागरिक केंद्रित सेवाओं पर आधारित एक नई व्यवस्था में प्रवेश किया है। ये कानून महिलाओं, बच्चों और वंचितों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।
टीम असम ने नए कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए की व्यापक तैयारी
पिछले कुछ महीनों में, टीम असम ने नए कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए व्यापक तैयारी की है। पुलिस, सरकारी कर्मचारियों, वकीलों, नागरिक समाज और न्यायपालिका के सदस्यों सहित सभी हितधारकों से यह एक ईमानदार अपील है कि वे हमारे साथ सहयोग करें, ताकि हम सामूहिक रूप से इन कानूनों के बुनियादी उद्देश्य के कार्यान्वयन को सुनिश्चित कर सकें।” उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री ने सोमवार को सोशल मीडिया के जरिए कहीं। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)