भारतीय रेलवे खानपान व पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) भारतीय बौद्ध सर्किट के पर्यटन सीजन के दौरान विशेष पर्यटक ट्रेन चलाएगा। यह ट्रेन दिल्ली से चलकर बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर व लुंबनी सहित कई प्रमुख स्थलाें की परिक्रमा करेगी। लक्जरी सुविधाओं से युक्त यह ट्रेन 19 अक्टूबर से लेकर अगले साल 22 मार्च तक सात फेरे लगाएगी।
गोरखपुर क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि पर्यटन विभाग स्पेशल ट्रेन के यात्रियों का स्वागत करने को तैयार है। उन्होंने बताया कि देशी व विदेशी पर्यटकों के लिए आईआरसीटीसी ने भारतीय बौद्ध सर्किट के लिए बुकिंग खोल दी है। बौद्ध सर्किट का पर्यटन सीजन के दौरान यह ट्रेन अक्टूबर 2024 से शुरू होकर 31 मार्च 25 को सात चक्कर लगाएगी। इस ट्रेन से यात्री कुशीनगर के अलावा बुद्ध के जन्मस्थल लुंबनी (नेपाल), ज्ञान प्राप्त स्थल बोधगया, प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ के अलावा वाराणसी, कपिलवस्तु, श्रावस्ती आदि बौद्ध तीर्थस्थलों पर स्थित पुरावशेषों, स्तूप, धरोहर आदि का दर्शन कर सकेंगे। यात्रा के अंतिम दिन पर्यटक ताजमहल के लिए प्रसिद्ध आगरा भी घूम सकेंगे।
तय कार्यक्रम के मुताबिक अक्टूबर में यह ट्रेन 19 तारीख को,नवंबर में 16, दिसंबर में 21, जनवरी में 18, फरवरी में 1, मार्च माह में 1 व 22 तारीख को दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से प्रस्थान करेगी। आठ दिवसीय यात्रा का पहला पड़ाव बोधगया, दूसरा नालंदा राजगीर, तीसरा वाराणसी सारनाथ, चौथा लुंबनी, पांचवा कुशीनगर, छठा श्रावस्ती, सातवा पड़ाव आगरा होगा। आगरा से पर्यटक दिल्ली आकर पुनः अपने गंतव्य को प्रस्थान कर जायेंगे। बौद्ध स्थलों के दर्शन के दौरान पर्यटकों के भाषा संबंधी दिक्कतों के लिए आईआरसीटीसी दक्ष एस्कार्ट व गाइड तैनात करेगी।
उल्लेखनीय है कि यह स्पेशल ट्रेन बौद्ध देशों के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। जापान, थाइलैंड, सिंगापुर, ताइवान आदि बौद्ध देशों के साथ यूरोपीय देशों के पर्यटक भी इस ट्रेन से बौद्ध सर्किट में घूमना काफी पसंद करते हैं। भारत व नेपाल में दूर-दूर तक फैले महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों तक एकल रूप से पहुंच पाना कठिन काम है। इस बौद्ध सर्किट स्पेशल ट्रेन से पर्यटक एक ही साथ यात्रा कर सकते हैं। बौद्ध तीर्थ यात्रियों के लिए प्रदेश सरकार सभी स्थलों पर काफी सुविधाएं दे रही है।
कम बजट के यात्रियों के लिए भी चले ट्रेन
कुशीनगर के प्रमुख बौद्ध भिक्षु अशोक ने आईआरसीटीसी स्पेशल ट्रेन चलाने की सराहना की है। उन्हाेंने कहा कि मध्यम बजट के पर्यटकों के लिए भी अलग से इस रूट पर ट्रेन चलाना चाहिए। उन्होंने बताया कि दर्शनों के लिए आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों में अधिक संख्या लो बजट वालों की है। सरकार को इनकी सुविधाओं का भी ध्यान रखना चाहिए।