भारतीय नौसेना के लिए डीआरडीओ द्वारा स्थापित सोनार प्रणालियों के लिए एक प्रमुख परीक्षण और मूल्यांकन केंद्र-स्पेस (SPACE) का केरल में उद्घाटन किया गया। स्पेस का उपयोग मुख्य रूप से संपूर्ण सोनार प्रणाली के मूल्यांकन के लिए किया जाएगा, जिससे सेंसर और ट्रांसड्यूसर जैसे वैज्ञानिक पैकेजों की त्वरित तैनाती और आसान रिकवरी उपलब्ध होगी।
केरल में इडुक्की के कुलमावु में हुआ उद्घाटन
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि रक्षा विभाग (R&D) के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने बुधवार(17 अप्रैल) को केरल में इडुक्की के कुलमावु में अंडरवाटर एकॉस्टिकरिसर्च फेसिलिटी में ध्वनिक विशेषता एवं मूल्यांकन के लिए एक अत्याधुनिक सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म (SPACE) का उद्घाटन किया। डीआरडीओ की नौसेना भौतिक और महासागरीय प्रयोगशाला द्वारा स्थापित स्पेस को जहाजों, पनडुब्बियों और हेलीकॉप्टरों सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर भारतीय नौसेना के लिए निर्धारित सोनार प्रणालियों के लिए एक प्रमुख परीक्षण और मूल्यांकन केंद्र के रूप में डिजाइन किया गया है।
इसमें दो अलग-अलग संयोजन शामिल होंगे
मंत्रालय ने कहा कि स्पेस नौसेना प्रौद्योगिकी प्रगति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसमें दो अलग-अलग संयोजन शामिल होंगे- एक प्लेटफ़ॉर्म जो पानी की सतह पर तैरता है, और एक सबमर्सिबल प्लेटफ़ॉर्म जिसे विंच सिस्टम का उपयोग करके 100 मीटर तक किसी भी गहराई तक उतारा जा सकता है। परिचालन पूरा होने पर, सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म को विंच किया जा सकता है और फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म के साथ डॉक किया जा सकता है।
SPACE का उपयोग मुख्य रूप से संपूर्ण सोनार प्रणाली के मूल्यांकन के लिए होगा
उल्लेखनीय है, स्पेस (SPACE) का उपयोग मुख्य रूप से संपूर्ण सोनार प्रणाली के मूल्यांकन के लिए किया जाएगा, जिससे सेंसर और ट्रांसड्यूसर जैसे वैज्ञानिक पैकेजों की त्वरित तैनाती और आसान रिकवरी उपलब्ध होगी। यह आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करके वायु, सतह, मध्य जल और जलाशय तल मापदंडों के सर्वेक्षण, नमूनाकरण और डेटा संग्रह के लिए उपयुक्त होगा।
बता दें कि यह आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में डेटा प्रोसेसिंग और नमूना विश्लेषण की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पनडुब्बी रोधी युद्ध अनुसंधान क्षमताओं के एक नए युग की भी शुरुआत करेगा।