प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

28/11/23 | 9:32 am

उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू अपडेट: ऊपर से वर्टिकल ड्रिल के अलावा मैन्युअल खुदाई जारी, हर स्थिति पर पीएम की नजर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल से 17वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। जहां एक ओर रात भर मैन्युअल खुदाई की गई और मशीन ने पाइप पुश कर दिया, जिसके बाद अब सिर्फ छह से सात मीटर रह गया है। उधर वर्टिकल ड्रिल के जरिए भी खुदाई तेजी से की जा रही है। 

सेना की मदद से टीम ने हाथ से खोदाई
12 नवंबर से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए चल रहे अभियान के तहत सोमवार शाम सेना की मदद से टीम ने हाथ से खोदाई शुरू कर दी। ऑगर मशीन के फेल होने के बाद हाथ से खोदाई कराने का फैसला किया गया। अब तक 36 मीटर से अधिक की खोदाई की जा चुकी है। 

 

 पीएम की भी रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि केंद्रीय एजेंसियों, सेना और प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। पीएम मोदी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

 

36 मीटर से ज्यादा वर्टिकल ड्रिलिंग हो चुकी है
सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण करने वाली सेना की इकाई सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व मुख्य इंजीनियर और बचाव अभियान में जुटे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हरपाल सिंह के अनुसार 37 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। जमीन के अंदर की स्थिति जानने के लिए छह इंच के पाइप को 70 मीटर तक बोर किया गया है। 800 एमएम व्यास के पाइप को बोर करने के लिए फ्रेम तैयार हो चुका है।

मलबा निकालने के लिए रैट माइनिंग टीम के सदस्य में घुसेंगे पाइप
हरपाल सिंह ने बताया कि रैट माइनिंग टीम के दो सदस्य पाइप में घुसेंगे। इनके पास छोटे फावड़े, छोटी ट्रॉली, ऑक्सीजन मॉस्क और हवा को सर्कुलेट करने के लिए एक ब्लोअर होगा। एक सदस्य खोदाई करेगा। दूसरा मलबा ट्रॉली में भरेगा। फिर ट्रॉली बाहर खींच ली जाएगी। एक बार में ट्रॉली में छह से सात किलो मलबा ही बाहर आएगा, इसलिए इसमें समय लगेगा। एक टीम के थकने पर दूसरी अंदर जाएगी। इस रास्ते से 8 से 10 मीटर खोदाई करनी है। सेना के मद्रास शैपर्स की 30 सदस्यीय टीम भी मदद कर रही है। बताया गया है कि रैट माइनर्स टीम के सदस्य मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।

 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ घटनास्थल पर उपस्थित
वहीं नई दिल्ली में सोमवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि सरकार जीवन बचाने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में चल रहे बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई है। सुरंग के अंदर दो किलोमीटर के खंड में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंक्रीट का काम पूरा हो चुका है। सुरंग का यह खंड बचाव प्रयासों का केंद्र बिंदु है। सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियां प्रत्येक निर्दिष्ट विशिष्ट कार्य के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। बचाव अभियान पर सलाह देने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ घटनास्थल पर उपस्थित हैं। सरकार सुरंग में फंसे हुए लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए लगातार उनके साथ संपर्क में है।

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आखरी अपडेट: 27th Jul 2024