प्रतिक्रिया | Saturday, May 11, 2024

28/11/23 | 12:22 pm

उड़ीसा के श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की लेजर स्कैनिंग आज से आरंभ 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) आज (28 नवंबर) को पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की संरचनात्मक स्थिरता का पता लगाने के लिए उसकी लेजर स्कैनिंग करेगा। पुरी जगन्नाथ मंदिर के अधिकारियों ने 4 नवंबर को 12वीं सदी के मंदिर के संरक्षक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भगवान के रत्न भंडार (खजाना पेटी) की संरचनात्मक स्थिति की जांच करने के लिए लेजर स्कैनिंग करने की अनुमति दी थी। लेजर स्कैनिंग यह पता लगाने की एक प्रक्रिया है कि पत्थर की दीवारों पर दरारें और क्षति तो नहीं है।

आज शुरू होगा लेजर स्कैनिंग का काम 
 एएसआई (ASI), पुरी सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् दिबिशिदा गडनायक ने मीडिया को बताया कि यह काम 28 नवंबर को शुरू होगा और एएसआई रत्न भंडार की बाहरी दीवार के साथ-साथ इसकी उत्तरी दीवार की लेजर स्कैनिंग करेगा जो रत्न के बीच संयोजन का बिंदु है। ज्ञात हो कि पुरी जगन्नाथ मंदिर के अधिकारियों ने शनिवार (4 नवंबर) को 12वीं सदी के मंदिर के संरक्षक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भगवान के रत्न भंडार (खजाना पेटी) की संरचनात्मक स्थिति की जांच करने के लिए लेजर स्कैनिंग करने की अनुमति दी थी। पुरातत्वविद् दिबिशिदा गडनायक ने कहा कि हालांकि श्रीमंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था, रत्न भंडार मंदिर में बाद में जोड़ा गया है। रत्न भंडार की उत्तरी दीवार वह है जो इसे मुख्य मंदिर से जोड़ती है और चूंकि यह मंदिर में बाद में जोड़ा गया है, हम इसकी बाहरी संरचनात्मक स्थिति देखना चाहते हैं। संरचना के लिए कोई तारीख नहीं दी गई है। रत्न भंडार मंदिर के उत्तरी दिशा में स्थित है।

विगत दिनों  श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक रंजन दास ने मीडिया को बताया था कि, “हमने एएसआई को रत्न भंडार की लेजर स्कैनिंग करने की अनुमति दी है और एजेंसी मंदिर में भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए ऐसा करेगी।” एएसआई लेजर स्कैनिंग मूल्यांकन रिपोर्ट श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को सौंपेगी जो आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए इसे एक उप-समिति के समक्ष रखेगी। 4 नवंबर को श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई थी। 

इस साल सितंबर में, उड़ीसा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को रत्न भंडार में संग्रहीत कीमती सामानों की सूची की प्रक्रिया की निगरानी के लिए, श्रीमंदिर प्रबंध समिति द्वारा संपर्क किए जाने पर एक उच्च स्तरीय पैनल गठित करने का निर्देश दिया था।

 

2018 और 2022 में एएसआई (ASI) ने मांगी थी रत्न भंडार की जांच और संरक्षण की अनुमति 
रंजन दास ने यह भी बताया कि हमने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है क्योंकि संरचना कितनी सुरक्षित है यह समझने के लिए हमें एएसआई की लेजर स्कैनिंग रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। उस रिपोर्ट के प्राप्त होने के बाद ही, हम रत्न भंडार के अंदर आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की सूची बनाने सहित अगली कार्रवाई पर फैसला करेंगे। बता दें कि इससे पहले 2018 और 2022 में एएसआई (ASI) ने एसजेटीए को पत्र लिखकर रत्न भंडार की जांच और संरक्षण की अनुमति मांगी थी।

रत्न भंडार के प्रत्येक पत्थर को स्कैन किया जाएगा
एएसआई (ASI) के एक अधिकारी ने कहा, “रत्न भंडार के प्रत्येक पत्थर को स्कैन किया जाएगा और सूक्ष्म दरारों को भी प्रकट करने के लिए दस्तावेजीकरण किया जाएगा। दस्तावेज़ का उपयोग संरक्षण की योजना बनाने और रत्न भंडार की भौतिक संरचना की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “विभिन्न कोणों से प्रस्ताव पर चर्चा के बाद समिति ने एएसआई को रत्न भंडार की लेजर स्कैनिंग करने की अनुमति देने का फैसला किया।”

पहले भी व्यक्त की गई थी गंभीर चिंता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले, रत्न भंडार की संरचना और इसकी सूची पर विभिन्न हलकों से गंभीर चिंता व्यक्त की गई थी। एसआई की तकनीकी विशेषज्ञ समिति ने 26 मार्च, 2018 को रत्न भंडार का निरीक्षण किया था, लेकिन आंतरिक रत्न भंडार में प्रवेश की अनुमति नहीं होने के कारण, वह केवल बाहर से ही संरचना की जांच कर सकी। तब तकनीकी समिति ने अपनी रिपोर्ट में दीवारों से रिसाव, कुछ पत्थरों के खिसकने और कुछ स्थानों पर प्लास्टर के कमजोर होने के कारण संरचना के जीर्ण-शीर्ण स्थिति में होने का उल्लेख किया था, जैसा कि सतह पर थपथपाने पर खोखली आवाज से पता चलता है। यह भी उल्लेखनीय है कि रत्न भंडार 1978 के बाद से नहीं खोला गया है।

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आखरी अपडेट: 11th May 2024