प्रतिक्रिया | Monday, November 25, 2024

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24/05/24 | 6:41 pm

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उत्तराखंड के यमुनोत्री क्षेत्र में ठोस कूड़ा प्रबंधन की कारगर पहल, एक टन कूड़े को 15 से 20 किलो हानिरहित राख में तब्दील करता है प्लांट

यमुनोत्री क्षेत्र में ठोस कूड़े के सुरक्षित निस्तारण के लिए जानकीचट्टी में नवनिर्मित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। आधुनिक प्लाज्मा तकनीक से युक्त इस प्लांट ने यात्राकाल शुरू होने के साथ ही नियमित रूप से काम करना शुरू कर दिया है और इसमें रोजाना एक टन तक ठोस कूड़े का निस्तारण करने की व्यवस्था है।

प्रसाद योजना के तहत हुआ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण 

दरअसल यमुनोत्री धाम एवं जानकीचट्टी सहित आस-पास के क्षेत्रों में यात्राकाल में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक एवं अन्य प्रकार का ठोस कूड़ा एकत्र होता है। इस कूड़े के सुरक्षित निस्तारण की चुनौती को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से प्रसाद योजना के तहत जानकीचट्टी में दो करोड़ छत्तीस लाख रुपये की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण करवाया गया है। ब्रिडकुल की ओर से निर्मित किया गया यह प्लांट ठोस कूड़ा निस्तारण की प्लाज्मा तकनीक वाले देश के चुनिंदा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में से एक है। खास तकनीक के जरिए यह प्लांट एक टन कूड़े को 15 से 20 किलो हानिरहित राख में तब्दील कर देता है। 

प्लांट की एक टन कूड़ा का निस्तारण करने की क्षमता 

बता दें कि कूड़े के निस्तारण से निकलने वाली गैसों का भी प्लांट के भीतर ही सुरक्षित ढंग से ट्रीटमेंट करने की व्यवस्था होने के कारण प्लांट की चिमनी से बाहर निकलने वाला धुआं अत्यधिक कम, सफेद रंग का और हानिकारक गैसों से रहित होता है। इस प्लांट को रोजाना आठ घंटे तक संचालित करने पर लगभग एक टन कूड़ा का निस्तारण करने की क्षमता है। इस प्लांट का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यात्राकाल शुरू होने के साथ ही जिला पंचायत के माध्यम से इसे नियमित संचालन करने की व्यवस्था की गई है।

क्षेत्र के कूड़ा प्रबंधन की समस्या के समाधान में मिलेगी काफी मदद 

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यात्राकाल शुरू होने से पहले जानकीचट्टी क्षेत्र के अपने भ्रमण में इस प्लांट को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने तथा क्षेत्र के ठोस कूड़ा को नियमित रूप से निस्तारण के लिए विशेष जोर दिया था। जिलाधिकारी ने यमुनोत्री धाम एवं इसके पैदल मार्ग की सफाई का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल और जानकीचट्टी सहित अन्य इलाकों की सफाई का जिम्मा जिला पंचायत को सौंपते हुए कूड़े का समुचित प्रबंधन व सुरक्षित निस्तारण के लिए इस प्लांट का सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया था और कहा था कि आधुनिक तकनीक के इस प्लांट के बन जाने से क्षेत्र के कूड़ा प्रबंधन की समस्या के समाधान में काफी मदद मिलेगी। 

प्लांट ने नियमित रूप से काम करना शुरू कर दिया 

उल्लेखनीय है, यात्राकाल शुरू होते ही इस प्लांट ने नियमित रूप से काम करना शुरू कर दिया है और रोजाना इसमें कूड़े का सुरक्षित निस्तारण किया जा रहा है। जिलाधिकारी नियमित रूप से इस प्लांट के संचालन व प्रगति की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। जानकीचट्टी में नवनिर्मित व नवीनतम तकनीक का यह ठोस कूड़ा निस्तारण प्लांट यमुनोत्री धाम व इसके आखिरी पड़ावों से एकत्र होने वाले ठोस कूड़े के निस्तारण की समस्या का सुरक्षित, समुचित, सुविधाजनक व कारगर समाधान साबित हो रहा है।

उत्तराखंड के यमुनोत्री क्षेत्र में ठोस कूड़ा प्रबंधन की कारगर पहल, एक टन कूड़े को 15 से 20 किलो हानिरहित राख में तब्दील करता है प्लांट

यमुनोत्री क्षेत्र में ठोस कूड़े के सुरक्षित निस्तारण के लिए जानकीचट्टी में नवनिर्मित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। आधुनिक प्लाज्मा तकनीक से युक्त इस प्लांट ने यात्राकाल शुरू होने के साथ ही नियमित रूप से काम करना शुरू कर दिया है और इसमें रोजाना एक टन तक ठोस कूड़े का निस्तारण करने की व्यवस्था है।

प्रसाद योजना के तहत हुआ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण 

दरअसल यमुनोत्री धाम एवं जानकीचट्टी सहित आस-पास के क्षेत्रों में यात्राकाल में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक एवं अन्य प्रकार का ठोस कूड़ा एकत्र होता है। इस कूड़े के सुरक्षित निस्तारण की चुनौती को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से प्रसाद योजना के तहत जानकीचट्टी में दो करोड़ छत्तीस लाख रुपये की लागत से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण करवाया गया है। ब्रिडकुल की ओर से निर्मित किया गया यह प्लांट ठोस कूड़ा निस्तारण की प्लाज्मा तकनीक वाले देश के चुनिंदा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में से एक है। खास तकनीक के जरिए यह प्लांट एक टन कूड़े को 15 से 20 किलो हानिरहित राख में तब्दील कर देता है। 

प्लांट की एक टन कूड़ा का निस्तारण करने की क्षमता 

बता दें कि कूड़े के निस्तारण से निकलने वाली गैसों का भी प्लांट के भीतर ही सुरक्षित ढंग से ट्रीटमेंट करने की व्यवस्था होने के कारण प्लांट की चिमनी से बाहर निकलने वाला धुआं अत्यधिक कम, सफेद रंग का और हानिकारक गैसों से रहित होता है। इस प्लांट को रोजाना आठ घंटे तक संचालित करने पर लगभग एक टन कूड़ा का निस्तारण करने की क्षमता है। इस प्लांट का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यात्राकाल शुरू होने के साथ ही जिला पंचायत के माध्यम से इसे नियमित संचालन करने की व्यवस्था की गई है।

क्षेत्र के कूड़ा प्रबंधन की समस्या के समाधान में मिलेगी काफी मदद 

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यात्राकाल शुरू होने से पहले जानकीचट्टी क्षेत्र के अपने भ्रमण में इस प्लांट को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने तथा क्षेत्र के ठोस कूड़ा को नियमित रूप से निस्तारण के लिए विशेष जोर दिया था। जिलाधिकारी ने यमुनोत्री धाम एवं इसके पैदल मार्ग की सफाई का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल और जानकीचट्टी सहित अन्य इलाकों की सफाई का जिम्मा जिला पंचायत को सौंपते हुए कूड़े का समुचित प्रबंधन व सुरक्षित निस्तारण के लिए इस प्लांट का सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया था और कहा था कि आधुनिक तकनीक के इस प्लांट के बन जाने से क्षेत्र के कूड़ा प्रबंधन की समस्या के समाधान में काफी मदद मिलेगी। 

प्लांट ने नियमित रूप से काम करना शुरू कर दिया 

उल्लेखनीय है, यात्राकाल शुरू होते ही इस प्लांट ने नियमित रूप से काम करना शुरू कर दिया है और रोजाना इसमें कूड़े का सुरक्षित निस्तारण किया जा रहा है। जिलाधिकारी नियमित रूप से इस प्लांट के संचालन व प्रगति की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। जानकीचट्टी में नवनिर्मित व नवीनतम तकनीक का यह ठोस कूड़ा निस्तारण प्लांट यमुनोत्री धाम व इसके आखिरी पड़ावों से एकत्र होने वाले ठोस कूड़े के निस्तारण की समस्या का सुरक्षित, समुचित, सुविधाजनक व कारगर समाधान साबित हो रहा है।

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आखरी अपडेट: 25th Nov 2024