वैश्विक परिस्थितियों से शेयर बाजार में उठापटक का दौर जारी है। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी दिन लाल निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में आईटी और रियलिटी को छोड़कर सभी सेक्टर में भारी बिकवाली रही। भारतीय बेंचमार्क सूचकांक 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट में बंद हुए हैं। सेंसेक्स कारोबार के अंत में 820.97 अंक या 1.03 प्रतिशत गिरकर 78,675.18 पर आ गया। वहीं, दूसरी ओर निफ्टी 257.85 अंक या 1.07 प्रतिशत की गिरावट के बाद 23,883.45 पर आ गया।
निफ्टी बैंक 718.95 अंक या 1.39 प्रतिशत की भारी गिरावट के बाद 51,157.80 पर आ गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स कारोबार के अंत में 596.25 अंक या 1.07 प्रतिशत गिरने के बाद 55,257.50 पर बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 233.55 अंक या 1.28 प्रतिशत गिरने के बाद 17,991.60 पर बंद हुआ।
इस सेक्टर में रही गिरावट
निफ्टी के पीएसई सेक्टर में भारी बिकवाली रही। इसके अलावा, ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, मीडिया, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इंफ्रा सेक्टर में भी बिकवाली रही। सेंसेक्स पैक में एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, एशियन पेंट्स, एसबीआई, टाटा मोटर्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, मारुति, पावर ग्रिड, बजाज फाइनेंस, एमएंडएम, बजाज फिनसर्व, नेस्ले इंडिया, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स रहे। वहीं, सन फार्मा, इंफोसिस और आईसीआईसीआई बैंक टॉप गेनर्स थे।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,236 शेयर हरे, 2,234 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। वहीं, 91 शेयर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं रहा।
इस वजह से घरेलू बाजार प्रभावित
बाजार के जानकारों के अनुसार, “एफआईआई द्वारा प्रेरित बिक्री दबाव ने घरेलू बाजार को प्रभावित करना जारी रखा। आक्रामक ‘ट्रम्पोनॉमिक्स’ द्वारा संचालित डॉलर की हालिया मजबूती ने आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।”
एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी के अनुसार, “रुपया 0.01 रुपये कमजोर होकर 84.40 पर बंद हुआ, क्योंकि, एफआईआई ने भारतीय बाजार में अपनी बिकवाली जारी रखी। हालांकि, कच्चे तेल और सोने की कीमतों में गिरावट से रुपये को कुछ राहत मिली, क्योंकि गिरावट की कम गति से आने वाले महीनों में भारत के आयात बिल में संभावित रूप से सुधार हो सकता है।”