बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) पीटी पुनर्परीक्षा की मांग कर रहे आंदोलित छात्रों पर पुलिस लाठी चार्ज के विरोध में सोमवार को छात्र संगठनों का मिलाजुला असर देखा गया। आरा, दरभंगा, सीवान, अरवल सहित विभिन्न जिलों में आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। इधर, पटना में जीपीओ गोलंबर से छात्रों – युवाओं ने मार्च निकला, जो डाक बंगला चौराहा तक पहुंचा और फिर चौराहे पर सड़क जाम किया गया।
चक्का जाम का देखा गया मिला जुला असर
चक्का जाम का मिला जुला असर देखा गया। दरभंगा में संपर्क क्रांति का परिचालन बाधित किया गया तथा रेलवे ट्रैक पर उतरकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और पीटी परीक्षा फिर से आयोजित करने की मांग की। आरा में अगिआंव विधायक शिव प्रकाश रंजन के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं ने पटना – बक्सर पैसेंजर को रोक दिया। इसके कारण पटना-आरा रेलखंड पर ट्रेन परिचालन कुछ समय के लिए बाधित रहा। बाद में शहर में मार्च करते हुए प्राइवेट बस अड्डा को भी जाम किया गया।
सीवान शहर में भी कई जगहों पर कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे
अरवल में प्रदर्शनकारियों ने पटना-औरंगाबाद रोड को भगत सिंह चौक पर जाम किया, इससे बड़े वाहनों का परिचालन रुक गया है। समस्तीपुर में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के खिलाफ आइसा-आरवाईए सहित कई संगठनों से जुड़े छात्र-युवाओं ने समस्तीपुर ओवरब्रिज चौराहा जाम किया। सीवान शहर में भी कई जगह कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे।
आइसा के कार्यकर्ताओं ने छात्रों पर लाठीचार्ज का किया विरोध
इधर, पटना के डाकबंगला चौराहे पर आइसा के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर छात्रों पर लाठीचार्ज का विरोध किया। आइसा की राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी ने कहा कि पूरे बिहार में चक्का जाम है। उन्होंने कहा कि गर्दनीबाग में 12 दिनों से न्याय पसंद अभ्यर्थी अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांग सुनने के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह बिहार सरकार की मनमानी और तानाशाही है। इसके खिलाफ हम लोग सड़क पर हैं। उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र अगर लीक नहीं हुआ, तो बापू सभागार की परीक्षा रद्द क्यों करनी पड़ी।