प्रतिक्रिया | Thursday, May 22, 2025

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वेव्स 2025 में प्रो कबड्डी लीग की सफलता बनी चर्चा का केंद्र, पारंपरिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में सफल प्रयास

वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) 2025 में ‘इंडिजिनस स्पोर्ट्स: फ्रॉम इंडिया टू द ग्लोबल स्टेज’ विषय पर एक अहम पैनल चर्चा हुई। इस सत्र में केंद्र सरकार, खेल प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय खेल रणनीति से जुड़े दिग्गज शामिल हुए। चर्चा का उद्देश्य भारत के पारंपरिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालना था।

दिग्गजों ने रखे अपने विचार 

इस सत्र की शुरुआत ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के उद्घाटन भाषण से हुई। इसके बाद खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे, प्रो कबड्डी लीग के चेयरमैन अनुपम गोस्वामी, खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल, खेल सलाहकार मिस्टर निक कावर्ड, फैनकोड के को-फाउंडर मिस्टर यानिक कोलाको और ईरानी कबड्डी स्टार फजल अत्राचली जैसे दिग्गजों ने अपने विचार रखे।

बताई कबड्डी की ऐतिहासिक यात्रा

प्रो कबड्डी लीग की सफलता पर बोलते हुए अनुपम गोस्वामी ने कहा, “कबड्डी की यात्रा एशियन गेम्स में पहचान मिलने से लेकर जियोस्टार के साथ ऐतिहासिक साझेदारी तक पहुंच चुकी है। 2024 सीजन को 201 मिलियन दर्शकों ने देखा, यह बताता है कि देशी खेलों में कितनी बड़ी संभावनाएं हैं।”

“पीकेएल से पहले और पीकेएल के बाद का दौर अलग है” – फजल अत्राचली

ईरान के कप्तान और पीकेएल स्टार फजल अत्राचली ने बेहद भावुक अंदाज़ में बताया कि कैसे प्रो कबड्डी लीग ने उनकी जिंदगी बदल दी। उन्होंने कहा, “2014 में मैं कबड्डी छोड़ना चाहता था क्योंकि इसमें भविष्य नहीं दिखता था। लेकिन पीकेएल ने मुझे मौका दिया और मेरी ज़िंदगी ही बदल गई। आज हम टीवी पर आते हैं, हमारे घरवाले हमें खेलते देख सकते हैं, हमें सम्मान मिला है, पैसा मिला है।”

उन्होंने कहा कि इस बदलाव का असर सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है, बल्कि विदेशों से आए खिलाड़ियों की ज़िंदगी भी संवर गई है।

सरकार का पूरा समर्थन, पीएम मोदी की पहल का जिक्र

केन्द्रीय राज्य मंत्री रक्षा खडसे ने कहा, “हमारे देशी खेल जैसे कबड्डी, खो-खो, लगोरी, मल्लखंभ और योगासन आज अंतरराष्ट्रीय पहचान बना रहे हैं। इसके लिए अनुपम गोस्वामी और सुधांशु मित्तल जैसे लोगों का धन्यवाद करती हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा है कि भारत खेलों में आगे बढ़े और हमारे पारंपरिक खेलों को दुनिया भर में पहचान मिले।”

ओडिशा के सीएम ने पीकेएल को बताया क्रांतिकारी पहल

मुख्य वक्ता के रूप में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रो कबड्डी लीग की सराहना करते हुए कहा, “हमने कबड्डी को छोटे गांवों और गलियों से निकालकर लोगों के ड्रॉइंग रूम तक पहुंचाया है। आज यह खेल न सिर्फ युवाओं को प्रेरित कर रहा है, बल्कि भारत का एक बड़ा स्पोर्ट्स ब्रांड बन गया है।”

प्रो कबड्डी लीग अब अपने 12वें सीजन में प्रवेश कर चुकी है, और इसके साथ ही भारत के पारंपरिक खेल वैश्विक खेल एवं मनोरंजन इंडस्ट्री के अगले बड़े निर्यात उत्पाद बनने की दिशा में अग्रसर हैं। 

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आखरी अपडेट: 22nd May 2025