सुप्रीम कोर्ट ने नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) निरस्त करने की याचिका पर आज सुनवाई की। देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस दौरान एनटीए को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने अगली सुनवाई 8 जुलाई को करने का आदेश दिया। बता दें कि पेपर लीक के अलावा,नीट-यूजी अभ्यर्थियों ने समय की हानि के लिए छात्रों को क्षतिपूर्ति अंक देने में भी अनियमितता का आरोप लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए काउंसिलिंग पर रोक लगाने से किया इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है। इसलिए एनटीए को जवाब देना होगा। हालांकि बेंच ने फिलहाल काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। आंध्र प्रदेश के अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और अन्य ने याचिका में पांच मई को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए परीक्षा दोबारा कराने की मांग की है। साथ ही एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है। साथ ही चार जून को आए नतीजों के आधार पर होने वाली काउंसिलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है।
इस बारे में दूसरी याचिका छात्रा शिवांगी मिश्रा और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इसमें नीट नए सिरे से आयोजित कराए जाने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि परीक्षा में धांधली का आरोप बड़ा मुद्दा बना हुआ है। नीट का आयोजन करने वाली संस्था एनटीए ने पेपर लीक या परीक्षा में धांधली के आरोपों को सिरे से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि एनटीए द्वारा आयोजित नीट-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में स्नातक चिकित्सा, दंत चिकित्सा और आयुष में प्रवेश के लिए जरूरी होता है।