जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में सूरत के शैलेश कलथिया की हत्या के बाद बुधवार देर रात उनका शव सूरत लाया गया। गुरुवार को उनके अंतिम संस्कार में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल, गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी, शिक्षा मंत्री प्रफुल पनसेरिया और कई भाजपा नेता शामिल हुए। शव यात्रा के दौरान माहौल गमगीन रहा और हजारों लोग शैलेश को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था लचर
केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने शैलेश की पत्नी शीतल कलथिया से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान शीतल ने पहलगाम की घटना का जिक्र करते हुए वहां की सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षा बलों के रवैये को लेकर कुछ सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “हम सरकार और सेना पर भरोसा कर पहलगाम गए थे। मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले पहलगाम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते तो शायद यह हादसा नहीं होता।”
शैलेश की बहन ने केंद्र सरकार से लगाई न्याय की गुहार
शीतल का आरोप है कि हमले के बाद भी नीचे तैनात सैन्य कर्मियों को घटना की जानकारी नहीं थी। जब हमने एम्बुलेंस बुलाई, तब उन्हें पता चला कि ऊपर ऐसी घटना हुई है। इस घटना ने हमारा घर उजाड़ दिया।” शैलेश की बहन ने भी केंद्र सरकार से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा, “हमारे परिवार का आधारस्तंभ छीन लिया गया। मोदी सरकार से हमारी विनती है कि हमें इंसाफ दिलाया जाए।”
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली है
बता दें कि पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली। केंद्र सरकार ने जवाब में अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करने और सिंधु जल संधि निलंबित करने जैसे कड़े कदम उठाए।(इनपुट-आईएएनएस)