उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत ताजमहल पर रविवार को धुंध की मोटी परत देखी गई , क्योंकि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। आज सुबह आगरा के मनोहरपुर इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 190 दर्ज किया गया, जिसे ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा गया है जबकि शाहजहां गार्डन इलाके में सुबह AQI 113 दर्ज किया गया।
वहीं, शनिवार (26 अक्टूबर) को आगरा में दर्ज औसत AQI 106 था, जिसे भी ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा गया। 0-50 के बीच का AQI अच्छा माना जाता है, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब तथा 401-500 गंभीर माना जाता है। ताजमहल देखने आए एक पर्यटक के अनुसार, औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ते यातायात के कारण पिछले कुछ वर्षों में क्षेत्र की स्थिति खराब हो गई है।
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “मैं यहां सूर्योदय देखना चाहता था। 14 साल पहले जब मैं यहां आया था और तब आसमान साफ था। आगरा की तरफ औद्योगिक क्षेत्र बढ़ रहे हैं और यहां वाहनों का भार भी बढ़ रहा है, मुझे लगता है कि प्रदूषण में वृद्धि के पीछे ये कारण हैं। इस ऐतिहासिक स्थल के देखने आए एक अन्य विज़िटर ने कहा कि धुंध के कारण इस स्मारक को ठीक से देख पाना मुश्किल हो गया है। उसने कहा कि सुबह-सुबह ताजमहल देखना अच्छा लगता है, लेकिन प्रदूषण के कारण सुबह के समय धुंध छाई रहती है, जिससे देखने में समस्या होती है।
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में यमुना नदी पर जहरीले झाग की मौजुदगी है। ताजमहल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है, जो यमुना नदी के तट पर भव्य रूप से खड़ा है। एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण के रूप में कई राज्य के अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों को अक्सर सफेद संगमरमर के मकबरे की सुंदरता का अनुभव कराने के लिए ताजमहल ले जाया जाता है। अभी हाल ही में 8 अक्टूबर को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी पत्नी प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद के साथ ताजमहल का दौरा किया था।
इससे पहले शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से देश भर में बढ़ते प्रदूषण के बीच पराली जलाने पर रोक लगाने का आग्रह किया था। इसके अलावा, मंत्रालय ने लोगों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को कहा।