साइबर क्राइम को रोकने और डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित बनाने के लिए टेलीकॉम विभाग ने लगभग 6 लाख 80 हजार मोबाइल नम्बरों को फर्जी और अवैध पाया। विभाग ने संदेह जताया कि उन्हें अमान्य, गैर-मौजूद या नकली,जाली पहचान प्रमाण (पीओआई) और पते के प्रमाण (पीओए) केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त किया गया है।
पुन: सत्यापन न होने पर नंबर कर दिया जाएगा समाप्त
टेलीकॉम विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) को इन पहचाने गए मोबाइल नंबरों का तत्काल पुन: सत्यापन करने के निर्देश भी जारी किए हैं। सभी टीएसपी को 60 दिनों के भीतर चिह्नित कनेक्शनों को फिर से सत्यापित करना अनिवार्य है। पुन: सत्यापन पूरा करने में विफल रहने पर संबंधित मोबाइल नंबर को खत्म कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही दूरसंचार विभाग ने मोबाइल कनेक्शन की प्रामाणिकता और डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुनः सत्यापन की मांग की है। दूरसंचार विभाग सभी के लिए सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
AI के जरिए की गई पहचान
खास बात ये है कि टेलीकॉम विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिये संदिग्ध धोखाधड़ी वाले कनेक्शनों की पहचान की। विभाग का कहना है कि संयुक्त प्रयासों से परिणाम प्राप्त हुए: विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग और एआई प्रौद्योगिकी का उपयोग इन धोखाधड़ी वाले कनेक्शनों की पहचान करने में महत्वपूर्ण रहा है, यह पहचान धोखाधड़ी से निपटने में एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्मों की प्रभावशीलता को प्रदर्शित करता है।
वहीं शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान के अनुसार इससे पहले, DoT ने दूरसंचार ऑपरेटरों को 28,200 मोबाइल हैंडसेटों को ब्लॉक करने और साइबर अपराधों से उनके कथित संबंध के लिए 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों का तत्काल पुन: सत्यापन करने का निर्देश दिया है।