नेपाल और भारत के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने और सैन्य क्षमताओं को साझा करने के उद्देश्य से ‘सूर्यकिरण’ संयुक्त सैन्य अभ्यास का 18वां संस्करण मंगलवार से नेपाल के रूपनदेही जिले के सलझंडी में शुरू होने जा रहा है। इस अभ्यास में भारतीय सेना की एक विशेष टोली हिस्सा लेने के लिए नेपाल पहुंच चुकी है।
‘सूर्यकिरण’ बटालियन स्तर का यह अभ्यास जंगल युद्ध,चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों में आतंकवाद से निपटने, आपदा प्रबंधन, मानवीय सहायता और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के चार्टर के तहत कार्य करने जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित होगा। इसके अलावा, आंतरिक क्षमता निर्माण और पर्यावरण संरक्षण भी इस अभ्यास के मुख्य विषयों में शामिल हैं।
दो सप्ताह तक चलने वाले इस अभ्यास में नेपाली सेना की श्री जंग बटालियन और भारतीय सेना की 11वीं गोरखा राइफल भाग लेंगी। प्रशिक्षण के दौरान दोनों सेनाओं के जवान आपसी कौशल साझा करेंगे और एक-दूसरे की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाएंगे। नेपाली सेना के प्रवक्ता कर्नल गौरव कुमार केसी ने बताया कि यह सैन्य अभ्यास न केवल दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि आपसी विश्वास और व्यावसायिक सहयोग को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने और आपदा प्रबंधन में साझा प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
‘सूर्यकिरण’ का पिछला संस्करण भारत के पिथौरागढ़ में आयोजित किया गया था। अब तक इस संयुक्त अभ्यास में नेपाली सेना के 4,215 और भारतीय सेना के 4,442 जवानों ने हिस्सा लिया है। नेपाल-भारत संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों के सैन्य संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाता है। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच तकनीकी और रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।(हि.स.)