प्रतिक्रिया | Wednesday, April 23, 2025

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केंद्र सरकार की PLI योजना से ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश, बिक्री और रोजगार को मिली नई रफ्तार

केंद्र सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश, रोजगार और बिक्री को तेजी से बढ़ावा दे रही है। 15 सितंबर 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत इस योजना के लिए 25,938 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (AAT) उत्पादों का घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाना और आयात पर निर्भरता को कम करना है।

दिसंबर 2024 तक ऑटोमोबाइल सेक्टर में 38,186 लोगों को मिला रोजगार

PLI योजना के तहत कंपनियों ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है। दिसंबर 2024 तक कंपनियों ने नई उत्पादन इकाइयां स्थापित करने और तकनीक को उन्नत करने के लिए 25,219 करोड़ रुपये का निवेश किया है। प्रमुख कंपनियों जैसे टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े निवेश किए हैं। इस योजना के चलते देश में हजारों लोगों को रोजगार मिला है। दिसंबर 2024 तक ऑटोमोबाइल सेक्टर में 38,186 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरियां मिली हैं। खासकर नए EV उत्पादन संयंत्रों ने स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं।

वहीं बिक्री के मामले में भी इस योजना का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और ऑटो कंपोनेंट्स की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। EV क्षेत्र में नए मॉडल लॉन्च होने से बाजार में बिक्री बढ़ी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में PLI स्कीम के तहत पहली बार प्रदर्शन मूल्यांकन किया गया था, जिसके आधार पर 2024-25 में 322 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई।

‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना के तहत कंपनियों के लिए घरेलू मूल्य संवर्धन (DVA) का 50% लक्ष्य हासिल करना अनिवार्य है, ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिल सके। इससे आयात में कमी आई है और घरेलू आपूर्ति श्रृंखला मजबूत हुई है। अब तक 6 ऑटो कंपनियों को 66 वाहनों के लिए DVA प्रमाणपत्र मिला है, जबकि 7 कंपोनेंट निर्माताओं को 22 वेरिएंट्स के लिए यह प्रमाणपत्र मिला है।-(Input With PIB)

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आखरी अपडेट: 23rd Apr 2025