25 मार्च को होली है। हिंदी महीने फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन की जाती है फिर अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च को और धुलंडी 25 मार्च को मनाई जाएगी। लेकिन इस बार की होली खास है क्योंकि साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।
चंद्रग्रहण का समय
यह उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा जो भारतीय समय के अनुसार सोमवार 25 मार्च को सुबह 10.23 मिनट से शुरू होगा। होली पर साल का यह पहला चंद्र ग्रहण होगा। ग्रहण का समापन दोपहर 3 बजकर 02 मिनट पर होगा।
इन देशों में दिखेगा चंद्रग्रहण
हालांकि भारत में इस चंद्र ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। साल का यह पहला चंद्र ग्रहण इटली, जर्मनी, फ्रांस, हालैंड, बेल्जियम, दक्षिण नॉर्वे, स्विटजरलैंड, उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका, जापान, रूस के पूर्वी भाग, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में दृश्यमान होगा।
कब लगता है चंद्रग्रहण
जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में हो, जिससे पृथ्वी, सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोक देती है तो चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना होती है। चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं-पूर्ण चंद्रग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण और उपछाया चंद्रग्रहण।
पूर्ण चंद्रग्रहण :- जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की घनी छाया चंद्रमा को पूरी तरह ढक़ लेती है, जिससे चंद्रमा चमकीला न दिखकर लाल दिखने लगता है।
आंशिक चंद्रग्रहण :- जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी इस प्रकार आये कि पृथ्वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्से पर पड़े तो इसे आंशिक चंद्रग्रहण कहते हैं। इसमें चंद्रमा की चमक कुछ कम दिखने लगती है।
उपछाया चंद्रग्रहण :- सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने पर बीच में तो घनी छाया बनती है, लेकिन उसके चारों और उपछाया बनती है। जब चंद्रमा सिर्फ उपछाया वाले भाग में आता है तो इसे उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं। इस ग्रहण को पहचानना कठिन होता है, क्योंकि चंद्रमा की चमक कुछ ही कम होती है। केवल टेलिस्कोप द्वारा चमक का अंतर समझा जा सकता है। इसे कह सकते हैं कि ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया की हल्की परत चंद्रमा पर पड़ती है। जिस कारण चंद्रमा की रोशनी में मामूली अंतर आ जाता है। इसी वजह से इसे उपछाया का ग्रहण (पैनम्बरल) चंद्रग्रहण कहा जाता है।