मुस्लिम समुदाय की संपत्ति से जुड़े वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक गुरुवार (22, अगस्त) को होगी। लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति को अल्पसंख्यक मामलों, विधि एवं न्याय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करनी है। समिति में 21 सदस्य लोकसभा के और 10 सदस्य राज्यसभा के हैं।
समिति में लोकसभा से जगदंबिका पाल, डॉ. निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, डॉ. संजय जयसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा (सभी भाजपा), गौरव गोगोई, इमरान मसूद, डॉ. मोहम्मद जावेद (सभी कांग्रेस), मोहिबुल्ला (सपा), कल्याण बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस), ए राजा (द्रमुक), लावु श्री कृष्ण देवरायलू (टीडीपी), दिलेश्वर कामैत (राजद), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे (एनसीपी-एसपी), नरेश गणपत म्हस्के (शिवेसना), अरुण भारती (एलजेपी-राम विलास) और असदुद्दीन औवेसी (एआईएमआईएम) शामिल हैं।
इसके अलावा राज्यसभा के 10 सदस्यों में बृजलाल, डॉ. मेधा कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल (सभी भाजपा), डॉ. सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस), मोहम्मद नदीमुल हक (तृणमूल कांग्रेस), वी. विजयसाई रेड्डी (वाईएसआर कांग्रेस), एम. मोहम्मद अब्दुल्ला (द्रमुक), संजय सिंह (आम आदमी पार्टी) और डॉ. वीरेंद्र हेगड़े (मनोनीत सदस्य) हैं।
लोकसभा में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले दिनों संसद के मानसून सत्र के दौरान वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया था। साथ ही इससे जुड़े निष्क्रिय हो चुके पुराने अधिनियम को कागजों से हटाने के लिए ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024’ भी पेश किया था। नए विधेयक का नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम होगा। अंग्रेजी में नाम यूनिफाइड वर्क मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंट एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) है।