आगामी 24 जून से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है। यह सत्र 3 जुलाई तक तकरीबन 10 दिन चलेगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट लिखकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ”18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक नवनिर्वाचित सदस्यों की शपथ, लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए बुलाया जा रहा है।”
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27 जून से शुरू होगा राज्यसभा का सत्र
केवल इतना ही नहीं संसदीय कार्य मंत्री ने आगे जोड़ते हुए यह भी बताया कि राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा।
हाल ही में चुनी गई सरकार का हुआ शपथ ग्रहण
ज्ञात हो, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के पश्चात चुनी गई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। शपथ ग्रहण समारोह के बाद से सरकार के मंत्री भी एक्टिव मोड में नजर आए। जी हां, तमाम मंत्रिगण लगातार अपने-अपने विभागों का पदभार संभालते नजर आए।
इस बार सत्र रहेगा बेहद खास
अब 18वीं लोकसभा का पहला सत्र होने जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार सत्र बेहद खास रहने वाला है। इसमें सबसे पहले नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। उसके बाद सरकार की पूरी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी जिसमें प्रोटेम स्पीकर बनाकर स्पीकर का चुनाव कराया जाएगा। स्पीकर के चुनाव के बाद जिसने सरकार बनाई है वो अपना पक्ष सदन में सामने रखते हैं। साथ ही साथ जो उनका बहुमत है उसे भी रखा जाता है।
पहले सत्र में होगा राष्ट्रपति का अभिभाषण
पहले सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण भी होता है और जो सरकार की आगे की भूमिका रहेगी कि सरकार किस दिशा में काम करेगी, क्या उसका एजेंडा है, उसकी एक हल्की सी रूपरेखा हमें अभिभाषण में देखने को मिलती है। बाद में इस पर चर्चा भी होती है जिसमें पक्ष-विपक्ष संसद के माध्यम से जनता के सामने अपनी-अपनी बात रखते हैं। ऐसे में कई सारे मुद्दों को लेकर सांसद चर्चा के लिए तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के बाद जब सरकार बन जाती है तो उसके बाद पहला सत्र आहूत किया जाता है। ऐसे में नई सरकार के इस सत्र का सभी को बेसब्री से इंतजार भी रहता है।
– 24 जून से शुरू होगा 18वीं लोकसभा का पहला सत्र
– 27 जून से शुरू होगा राज्यसभा का सत्र
– 3 जुलाई तक चलेगी दोनों सदनों की कार्यवाही
– संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दी जानकारी
– पहले सत्र में नए सदस्यों की शपथ होगी
– प्रोटेम स्पीकर दिलाएंगे शपथ
– इसके बाद स्पीकर का चुनाव होगा
– राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी
– बाद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी