प्रतिक्रिया | Thursday, April 24, 2025

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कोयला मंत्रालय ने गुरुवार को भूमिगत कोयला खनन को बढ़ावा देने के लिए नए सुधारों का ऐलान किया। नए सुधार पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल है, क्योंकि भूमिगत कोयला खनन से खुले खदानों में खनन की तुलना में सतह पर काफी कम बाधाएं उत्पन्न होती हैं।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मंत्रालय ने एडंवास टेक्नोलॉजी को अपनाने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से परिवर्तनकारी नीतिगत उपायों की एक सीरिज शुरू की है, जिसमें निरंतर माइनर्स, लॉन्गवॉल सिस्टम, रिमोट सेंसिंग टूल्स और एआई-आधारित सुरक्षा तंत्र शामिल हैं, जो इकोसिस्टम संतुलन सुनिश्चित करते हुए उत्पादकता को बढ़ावा देंगे।

मंत्रालय ने बताया कि यह बड़े सुधार उच्च पूंजी निवेश और लंबी निर्माण अवधि जैसी पारंपरिक चुनौतियों का समाधान करेंगे। नए सुधार सतत विकास के व्यापक दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाते हुए कोयला इकोसिस्टम को आधुनिक बनाने के सरकार के संकल्प की पुष्टि करते हैं।

इन सुधारों के तहत भूमिगत कोयला खनन के विकास को गति देने के लिए प्रोत्साहनों का एक मजबूत पैकेज शुरू किया गया है। इसमें भूमिगत कोयला खदानों के लिए राजस्व हिस्सेदारी के न्यूनतम प्रतिशत को 4 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करना शामिल है। यह टारगेटेड कटौती पर्याप्त राजकोषीय राहत प्रदान करती है और भूमिगत परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता को बढ़ाती है।

इसके अतिरिक्त भूमिगत खनन के लिए अनिवार्य एडवांस पेमेंट की आवश्यकता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। यह उपाय एक बड़ी वित्तीय बाधा को दूर करता है और निजी क्षेत्र से व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और परियोजना के तेजी से क्रियान्वयन की सुविधा प्रदान करता है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह सुधार निवेश-अनुकूल और नवाचार-संचालित कोयला क्षेत्र को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। भूमिगत खनन को प्रोत्साहित करके, सरकार न केवल आर्थिक विकास को गति दे रही है, बल्कि इंडस्ट्री को अधिक दक्षता, सुरक्षा और रोजगार सृजन की ओर भी ले जा रही है। (इनपुट-आईएएनएस)

 

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आखरी अपडेट: 24th Apr 2025