केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बढ़ती गर्मी में आग की घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सख्त कदम उठाने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ की वर्चुअल बैठक
इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डीजीएचएस डॉ. अतुल गोयल ने देश भर में विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं द्वारा अपनाए गए हीट वेव की स्थिति, आग और विद्युत सुरक्षा उपायों की तैयारियों का आकलन करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ गुरुवार को एक आभासी बैठक की।
आग रोकने के उपायों और हीटवेव तैयारियों की समीक्षा की
इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्मी के मौसम में अस्पतालों में आग को रोकने के उपायों और हीटवेव तैयारियों की समीक्षा की। बढ़ती गर्मी में आग लगने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सख्त कदम उठाने के निर्देश जारी किए।
निगरानी मजबूत करने के लिए लगातार समीक्षा करने का किया आग्रह
मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से समर्पित हीट स्ट्रोक रूम,ओआरएस कॉर्नर सुनिश्चित करने और आईएचआईपी के माध्यम से निगरानी को मजबूत करने के लिए लगातार समीक्षा करने का आग्रह किया गया। इसके साथ राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर महत्वपूर्ण अग्नि और विद्युत सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है।
देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक मासिक तापमान होने की संभावना
मंत्रालय ने कहा कि 27 मई 2024 को आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार जून 2024 में दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक मासिक तापमान होने की संभावना है। जून महीने के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों और मध्य भारत के आसपास के हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी वाले दिन रहने की संभावना है।
गर्मी में बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत करने के लिए दिशा निर्देश करें जारी
इसलिए राज्य स्वास्थ्य विभागों को सलाह दी गई है कि वे गर्मी से संबंधित बीमारियों के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी को मजबूत करने पर दिशा निर्देश (एचआरआई) यानी क्या करें और क्या न करें और आईईसी पोस्टर टेम्पलेट्स के साथ एक सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह जारी करें।
गर्मी से होने वाली मौतों में शव परीक्षण संबंधी दिशा-निर्देश देश भर के सभी एम्स और मेडिकल कॉलेजों में किया जाए। गर्मी के स्वास्थ्य प्रभावों को रोकने और प्रतिबंधित करने के लिए स्वास्थ्य सुविधा और एम्बुलेंस तैयारियों के मूल्यांकन के लिए चेकलिस्ट तैयार कर उसे सुनिश्चित करें। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)