भारतीय वायु सेना (IAF) के विमानों ने हाल ही में कश्मीर घाटी के उत्तरी क्षेत्र में आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ईएलएफ) का संचालन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में सैनिकों को एयरलिफ्ट किया गया और बाद में रात तक चिनूक, एमआई-17 वी5 और एएलएच एमके-III हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके हवाई लैंडिंग की गई। बता दें कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के चल रहे अभ्यास गगन शक्ति-24 के एक भाग के रूप में ईएलएफ का संचालन किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने आज (गुरुवार) को जारी एक बयान में जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के चल रहे अभ्यास गगन शक्ति-24 के एक भाग के रूप में, विमानों ने हाल ही में कश्मीर घाटी के उत्तरी क्षेत्र में आपातकालीन लैंडिंग सुविधा का संचालन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में सैनिकों को एयरलिफ्ट किया गया।
मंत्रालय ने बताया कि भारतीय वायुसेना अन्य क्षेत्रों में आपातकालीन लैंडिंग सुविधा को सक्रिय करने के लिए राज्य सरकारों के प्रशासन के साथ समन्वय करके इसी तरह के अभ्यास की योजना भी बना रही है। भारतीय वायु सेना के विभिन्न फिक्स्ड और रोटरी विंग प्लेटफ़ॉर्म इन आपातकालीन लैंडिंग सुविधा पर समन्वित लैंडिंग और संचालन करेंगे। बाद में रात तक चिनूक, एमआई-17 वी5 और एएलएच एमके-III हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके हवाई लैंडिंग की गई।
उल्लेखनीय है कि इसके लिए संपूर्ण राष्ट्र-दृष्टिकोण (डब्ल्यूएनए) को नियोजित करने वाले नागरिक प्रशासन के साथ कुशल योजना और समन्वय की आवश्यकता होगी। आपातकालीन लैंडिंग सुविधा ऑपरेशन भारतीय वायुसेना के विमानों को ऐसी प्रतिबंधित लैंडिंग सतहों से संचालन करने का अवसर प्रदान करते हैं। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए आपदा राहत कार्यों में मानवीय सहायता में भी सक्षम होते हैं।
बता दें कि राजमार्गों के इन हिस्सों पर रात में संचालन करने की क्षमता और ऐसी सतहों से सैनिकों को स्थानांतरित करने की क्षमता भारतीय सशस्त्र बलों की परिचालन क्षमताओं में काफी वृद्धि करेगी।