प्रतिक्रिया | Tuesday, April 01, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

गणतंत्र दिवस के अवसर पर खास तरीके से तैयार किया गया है राष्ट्रपति भवन का आमंत्रण पत्र

इस बार गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर राष्ट्रपति भवन में देश-विदेश से कई बड़ी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। खास बात यह है कि इनके लिए एक खास आमंत्रण पत्र तैयार किया गया है। इस आमंत्रण पत्र में दक्षिण भारत के खास कारीगरों के हाथ से तैयार चीजों को दर्शाया गया है। 

राष्ट्रपति भवन से मिलने वाले आमंत्रण पत्र की क्या खासियत ?

राष्ट्रपति भवन से मिलने वाला यह आमंत्रण बांस से बनी बॉक्स में है। ये दक्षिण भारत की प्रचलित पारंपरिक शिल्प कला है, जिसमें स्थाई और रिसाइकल करने योग्य वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। 

दक्षिण भारत के खास कारीगरों की हाथ से तैयार चीजें शामिल

आमंत्रण पत्र में पोचमपल्ली इकत फैब्रिक, इटिकोप्पका टॉय, गंजीफा कला, स्क्रू पाइन बुनाई, कांचीपुरम रेशम और बांस से बने बक्से को शामिल किया गया है। आशा है कि यह आमंत्रण राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित लोगों के लिए अविस्मरणीय पलों की स्मृतियों को हमेशा संजोये रखेगा। विस्तार से जानते हैं कैसे ?

पोचमपल्ली इकत वस्त्र

पोचमपल्ली जिला अनूठे रूपांकनों व रंगो से की जाने वाली ‘इकत’ बुनाई तकनीक का प्रसिद्ध केंद्र है। इस आमंत्रण में प्रयुक्त पोचमपल्ली कपड़े को निकाल कर ‘पेंसिल पाउच’ के रूप में पुनः उपयोग किया जा सकता है।

इटिकोप्पका टॉय

काष्ठ, लाख और अन्य प्राकृतिक पदार्थों से बने रंग-बिरंगे हस्त निर्मित खिलौनों के लिए आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले का ‘इटिकोप्पका’ गाँव प्रसिद्ध है। ये मनमोहक गुड़ियां जीवंत रंगों में पारंपरिक परिधानों को दर्शाती हैं।

गंजिफा कला

मैसूर की पारंपरिक गंजिफा कार्ड कला, कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसमें लोक व पौराणिक कथाओं पर आधारित हस्तरचित कलाकृतियों की बारीक कारीगरी, वृत्ताकार ताश के पत्तों पर जीवंत रंगों में की जाती हैं। यहां इस कला को एक आकर्षक फ्रिज मैग्नेट के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

स्क्रू-पाइन बुनाई

केरल में महिला हस्तशिल्पी, स्क्रू-पाइन की पत्तियों से उपयोगी कलात्मक वस्तुएं जैसे- चटाई और टोकरियाँ बनाती हैं। यहाँ, इस शिल्प को हाथ से बुने हुए ‘बुकमार्क’ में दर्शाया गया है।

कांचीपुरम सिल्क

तमिलनाडु कांचीपुरम का प्रतिष्ठित हथकरघा रेशम अपनी सुन्दरता और भव्यता तथा बुनकरों के कौशल के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहाँ इसे एक सुन्दर हस्तनिर्मित पाउच के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।

कलमकारी रूपांकनों वाला बांस का बॉक्स

आमंत्रण बॉक्स बांस से बनाया गया है। यह दक्षिण भारत की प्रचलित पारंपरिक शिल्प कला है, जिसमें स्थाई और रिसाइकल करने योग्य वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) कारीगरों को आजीविका माध्यम के रूप में इनका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस पेटिका को आंध्र प्रदेश की प्रसिद्ध कलमकारी चित्रकला से भी अलंकृत किया गया है।

इसका उद्देश्य एक जिला एक प्रोडक्ट और जियोग्राफिकल इंडिकेशन

उल्लेखनीय है कि इसका उद्देश्य एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) और जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) है। इस आमंत्रण कार्ड को बनाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के तकनीशियन का प्रमुख योगदान रहा।

आगंतुकों: 21819300
आखरी अपडेट: 1st Apr 2025