असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक 2 दिसंबर 2024 तक इस योजना के तहत नामांकित ग्राहकों की संख्या बढ़कर 7.15 करोड़ हो गई है। यह योजना अपने लाभार्थियों को सेवानिवृत्ति के बाद सुरक्षित जीवन का आश्वासन देती है।
क्या है अटल पेंशन योजना?
अटल पेंशन योजना को समाज के आर्थिक रूप से कमजोर और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को पेंशन की सुरक्षा प्रदान के लिए 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत 60 साल की उम्र में प्रति माह 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाती है। पेंशन की राशि ग्राहक के योगदान और उनकी उम्र पर निर्भर करती है। इस योजना की एक खास बात यह है कि ग्राहक की मृत्यु के बाद पेंशन का लाभ उनके जीवनसाथी को मिलता है। इसके अलावा, अगर दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो जमा की गई राशि नामांकित उत्तराधिकारी को दे दी जाती है।
कौन-कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ?
अटल पेंशन योजना में भारत का कोई भी नागरिक शामिल हो सकता है, जो 18 से 40 साल की उम्र के बीच हो। ग्राहक को 60 साल की उम्र तक नियमित रूप से अपने हिस्से का योगदान देना होता है। इस योजना के तहत खासकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, जैसे मजदूर, छोटे दुकानदार और घरेलू कामगार, इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
कैसे करें नामांकन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए बैंक या पोस्ट ऑफिस के जरिए नामांकन किया जा सकता है। ग्राहक के पास बैंक खाता और आधार कार्ड होना जरूरी है। मासिक योगदान राशि खाते से ऑटो-डेबिट के माध्यम से काट ली जाती है, जिससे ग्राहक को किसी अतिरिक्त प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता।