राजकोट में आज (मंगलवार) भारत भाग्य विधाता थीम पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा दुनिया देखती है कि भारत अपने देश के लिए क्या कर रहा है। जो देश उनके देशवासियों को उनके नसीब के भरोसे छोड़ देते हैं, उनकी दुनिया में इज्जत नहीं होती है। हम नागरिकों को यह विश्वास दिलाते हैं कि आप एक बार भारत की सीमा छोड़कर दुनिया में बाहर जा रहे हैं तो आप पूरे विश्वास से जाइए, भारत सरकार आपके साथ खड़ी है । उन्होंने यह कहा कि मुझे लगता है कि हम अमृत काल में विकसित भारत की ओर जरूर बढ़ेंगे। हमारा देश आगे बढ़ता जाएगा। विदेश मंत्री ने कहा कि यह सब ऐसे नहीं होगा इसके लिए हमें बहुत परिश्रम करना होगा। हमें नेतृत्व को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का एक टीम के रूप में सहयोग होगा।
उन्होंने कहा कि राजकोट का उनका यह पहला विजिट है। राष्ट्रीय एकता मंच ने उन्हें गुजरात का निमंत्रण दिया वह काफी प्रसन्न है। भारत भाग्य विधाता थीम पर बोलते हुए एस जयशंकर ने कहा कि मेरे भाग्य में लिखा था कि मैं गुजरात आऊं और आप लोगों से जुड़कर और संसद में आपका प्रतिनिधि बनूं। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि किसी भी देश का भाग्य वहां की जनता-जनार्दन तय करती हैं। लोकतंत्र में यह भाग्य रिन्यू होता है। इसमें एक नई उर्जा और प्रतिबद्धता दिखाई पड़ती है। यदि जनता मन बना लेती है तो वह दो चीजों को देखते हैं, जमीनी स्तर पर कार्य क्या किया है ? और देश के लिए विज़न क्या है ? पिछले 10 साल में हमने डिलीवरी ऑफ़ द ग्राउंड भी देखी और हमने विज़न लीडरशिप भी देखी।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम अमृत काल में विकसित भारत की ओर जरूर बढ़ेंगे। हमारा देश आगे बढ़ता जाएगा। विदेश मंत्री ने कहा कि यह सब ऐसे नहीं होगा इसके लिए हमें बहुत परिश्रम करना होगा हमें नेतृत्व को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का एक टीम के रूप में सहयोग होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में जो भी प्रगति हुई है, यह प्रगति अगले 25 सालों की बुनियाद है । हम 25 सालों में विकसित भारत ही नहीं समावेशी भारत बनाना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी पुस्तक ‘Why Bharat Metters’ के बारे में भी बात की ।
एस जयशंकर ने कहा कि जो लोग भी रोजगार के लिए विदेश जाते हैं उनका भारत की छवि बनाने में बहुत अधिक योगदान होता है। उन्होंने कहा कि 2022 में यूक्रेन युद्ध के दौरान 20 हजार विद्यार्थी वहां फंस गए थे। तब ‘ऑपरेशन गंगा’ के दौरान उन्हें निकालने के लिए हमें यूक्रेन के पड़ोस पौलेंड में जाना पड़ा। ज्यादातर भारतीय वहां से पोलैंड और रोमानिया के माध्यम से निकाले गए।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद अगर हम 7% ग्रोथ के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो तो दुनिया सोचती कि है सचमुच कमाल की बात है। जयशंकर ने डिजिटल भारत, अन्न योजना, मुद्रा योजना और उज्जवला योजना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने बहुत परिवर्तन किया है। इन योजनाओं के बारे में दुनिया भर में बात होती है। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनेंगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के देशों ने महामारी के वक्त महसूस किया कि विश्व में एक ही देश सप्लाई चेन ना बने । उन्होंने कहा कि AI की वजह से दुनिया में बदलाव निश्चित है। भारत में प्रतिभा और क्षमता दोनों हैं। एस जयशंकर ने कहा आज भारत के 2 करोड़ लोग दुनिया भर के देशों में काम करते हैं। अगर इसमें भारतीय मूल के लोगों को भी जोड़ा जाए तो यह संख्या एक करोड़ से और ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कुल मिलाकर साढ़े तीन करोड़ भारतीय समुदाय के लोग दुसरे देशों के नागरिक हैं। आज सेमीकंडक्टर के लिए दुनिया भारत की तरफ देख रही हैं।
एस जयशंकर ने कहा जो दुनिया देखती है कि भारत अपने देश के लिए क्या कर रहा है। जो देश उनके देशवासियों को उनके नसीब के भरोसे छोड़ देते है उनकी दुनिया में इज्जत नहीं होती है। हमने यूक्रेन युद्ध के समय अपने देशवासियों के लिए 90 फ्लाइट चलाई थी । बहुत से देश चार से पांच फ्लाइट ही चल रहे थे और बहुत से देश ने वहां अपने लोगों को उनके भरोसे वहीं छोड़ दिया यह कहकर कि आप वहां पर फंस गए हो निकलना आपका फर्ज है हम ज्यादा आपके लिए कुछ नहीं कर पाएंगे जो यूक्रेन में हुआ वह एक समय की घटना नहीं थी यदि पिछले 10 सालों में देखा जाए तो नेपाल का भूकंप हो या या यमन में युद्ध हो हाल ही में सूडान में युद्ध हो या गाजा में हो, और अफगानिस्तान में जब तालिबान ने काबुल में कब्जा किया तो कुछ लोग शरण लेने भारत आए ।
विदेश मंत्री ने कहा कि हम अपने नागरिकों को यह विश्वास दिलाते है कि आप एक बार भारत की सीमा छोड़कर दुनिया में बाहर जा रहे हैं तो आप पूरे विश्वास से जाइए भारत सरकार आपके साथ खड़ी है । उन्होंने कहा कि यह कहने से नहीं होगा बार-बार करने से होगा। इसके लिए एक सिस्टम होता है। पिछले 10 सालों से हमने इसके लिए एक सिस्टम बना रखा है की कोई फंस जाए तो उसके लिए तुरंत कैसे मदद दी जाए। विदेश मंत्री ने इसके लिए गुजरात मॉडल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, उसी वक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए फोर्स बनाने की बात की थी। जब नेपाल में भूकंप आया तो हमारे फोर्स वहां पर पहुंच चुकी थी। इसी सिस्टम से हमने सूडान में भी अपने लोगों को बाहर निकाला। लाल लाल सागर में आजकल ड्रोन और मिसाइल्स के अटैक हो रहे हैं । सोमालिया में पाइरेट्स बीच-बीच में जहाज पर हमला बोलकर उनका अपहरण कर लेते हैं। आज हमारे नौसेना के 21 जहाज है, जिनकी 3 महीने से वहां पर तैनाती हो रखी है।