अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून के 10वें संस्करण के उपलक्ष्य में जागरुकता के लिए मंगलवार, 21 मई को 30 दिनों की काउन्ट डाउन शुरू कर दिया है। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में इस बार के योग कार्यक्रम की थीम ‘महिला सशक्तीकरण के लिए योग’ जारी किया गया।
आयुर्वेद और योग एक ही सिक्के के दो पहलू : प्रो.तनुजा नेसारी
इस मौके पर एआईआईए की निदेशक प्रोफेसर तनुजा नेसारी ने सभी से महिला सशक्तीकरण, मार्गदर्शन और हमारे मन एवं आत्मा को मजबूत करने के लिए इस योग दिवस को मनाने की अपील की। उन्होंने बताया कि अगले 30 दिनों तक प्रत्येक दिन देश के कई क्षेत्रों में योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। आयुर्वेद के जीवन जीने के तरीके का पालन करके हम स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं। आयुर्वेद और योग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। आयुर्वेद योग का भौतिक पहलू है और योग आयुर्वेद का आध्यात्मिक पहलू है। इसलिए योग का अभ्यास करना बेहद जरूरी है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बहन बीके शिवानी ने वर्तमान युग में एआईआईए की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि योग के अभ्यास से दिमाग शांत होता है। शांत चित्त से व्यक्ति को समाज के कल्याण के लिए सही निर्णय लेने में मदद मिलती है। सभी के समग्र विकास के लिए महिला सशक्तीकरण महत्वपूर्ण है।
आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव भावना सक्सेना ने मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के छात्रों सहित विभिन्न प्रदर्शनों की सराहना की। इसमें योग फ्यूजन कार्यक्रम का जीवंत प्रदर्शन शामिल था। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह के हिस्से के रूप में एआईआईए ने चिकित्सीय योग पर एक पुस्तिका लॉन्च की। यह 5-दिवसीय सामान्य योग प्रोटोकॉल है, जिसे एआईआईए विद्वानों द्वारा दिल्ली के विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ आईटीबीपी के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर योग प्रमोशन किया जाएगा।