प्रतिक्रिया | Sunday, November 17, 2024

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भारत में डिफेंस इंडस्ट्री की आत्मनिर्भरता के लिए मजबूत आधार बनेंगे यूपी के तीन डीटीआईएस

देश के डिफेंस सेक्टर और स्पेस टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत आधार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है। रक्षा मंत्रालय के डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम (डीटीआईएस) के अंतर्गत यूपीडा प्रदेश में तीन प्रोजेक्ट स्थापित करेगी। कानपुर और लखनऊ में स्थापित होने वाले तीनों डीटीआईएस डिफेंस टेक्नोलॉजी के इन्फ्रास्ट्रक्चर के परीक्षण की बुनियादी कमियों को दूर करने में मददगार होंगे। 

117 करोड़ रुपये से अधिक किए जाएंगे खर्च 

यूपी में डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम के लिए 117 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार 75 प्रतिशत और योगी सरकार 25 प्रतिशत का अनुदान देगी। डीटीआईएस के जरिए लेटेस्ट टेस्टिंग टेक्नोलॉजी के लिए टेक्निकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट का कार्य किया जाएगा। साथ ही टेस्टिंग फैसिलिटी में टेक्निकल अपग्रेडेशन के लिए अनुशंसाएं और मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। 

देसी रक्षा उत्पादन क्षमता में सुधार हो यह सुनिश्चित किया जाएगा

इसके अलावा रक्षा उत्पादन में गुणवत्ता और स्टैंडर्ड्स का पालन सुनिश्चित करना भी डीटीआईएस का महत्वपूर्ण कार्य होगा। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देसी रक्षा उत्पादन क्षमता में सुधार हो और स्वदेशी कंपनियों को अच्छी परीक्षण सुविधाएं प्राप्त हों। इसका उद्देश्य देश में स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए रक्षा परीक्षण की बुनियादी संरचना में कमी को दूर करने का ये बड़ा माध्यम साबित होगा। 
 
डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम के तहत लखनऊ और कानपुर में स्थापित होंगे तीन प्रोजेक्ट

रक्षा मंत्रालय की ओर से उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत इन तीनों डीटीआईएस को शुरू किया जाना है। इसके लिए यूपीडा को इम्प्लिमेंटिंग अथॉरिटी नियुक्त किया गया है। यूपी में तीनों डीटीआईएस के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष मिशन के लिए रणनीतिक साझेदार मिधानि (मिश्र धातु निगम लिमिटेड) लखनऊ में मैकेनिकल और मैटेरियल टेस्टिंग फैसिलिटी प्रदान करेगी, जिसपर 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये जाएंगे। 

वहीं आईआईटी कानपुर में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की ओर से कम्युनिकेशन टेस्टिंग फैसिलिटी पर 31 करोड़ रुपये से अधिक और आईआईटी कानपुर में ही हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (यूएएस) टेस्टिंग फैसिलिटी प्रदान की जाएगी। तीनों डीटीआई स्कीम को एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) के जरिए स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की जाएगी। 

यूपीनेडा के अधिकारियों के अनुसार डीटीआई स्कीम आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। इससे रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम को गति तो मिलेगी ही, साथ ही स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, फलस्वरूप सैन्य उपकरणों के आयात पर देश की निर्भरता भी कम होगी। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)

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आखरी अपडेट: 17th Nov 2024