विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वर्ल्ड ऑडियो-विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट 2025 (WAVES 2025) से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा कि असली वैश्वीकरण का मतलब सिर्फ एक ही नजरिए को अपनाना नहीं है, बल्कि दुनिया की विविधता और अलग-अलग संस्कृतियों को समझना और अपनाना भी है।
जयशंकर ने बताया कि इस समय दुनिया में तेजी से आर्थिक और राजनीतिक बदलाव हो रहे हैं, और अब यह बदलाव तकनीक और संस्कृति के क्षेत्र में भी आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “असली वैश्वीकरण का मतलब केवल एक कहानी या एक सच्चाई को मानना नहीं है। यह इस बात को समझने के बारे में है कि हमारी दुनिया में कितनी विविधता है। इस नजरिए से देखा जाए, तो जब तक हम अपनी जड़ों से जुड़े नहीं रहते, तब तक हम वास्तव में वैश्विक नहीं बन सकते।”
गौरतलब है कि WAVES 2025 समिट मुंबई में होने जा रही है, जिसमें सिनेमा, डिजिटल कंटेंट, आईटी इंडस्ट्री और भारत की वैश्विक भूमिका पर चर्चा होगी। जयशंकर ने कहा कि मुंबई इस आयोजन के लिए सबसे सही जगह है, क्योंकि यह शहर सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्वीकरण की असली पहचान है।
उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद राजदूतों और कूटनीतिज्ञों (डिप्लोमैट्स) से अपील की कि वे अपने-अपने देशों में भारत के उद्योगों और टैलेंट के बारे में जागरूकता फैलाएं। उन्होंने कहा, “राजदूतों का अपने देशों में बड़ा प्रभाव होता है, और मुझे भरोसा है कि आप इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को बढ़ावा देंगे।”
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि WAVES 2025 डिजिटल दुनिया, सिनेमा, कंटेंट क्रिएशन, आईटी और भारत की वैश्विक क्षमताओं को एक साथ लाने का मंच है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री लोगनाथन मुरुगन भी शामिल हुए।