प्रतिक्रिया | Thursday, April 24, 2025

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15/04/25 | 10:10 am

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कर्नाटक में ट्रक मालिकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

कर्नाटक में ट्रक मालिकों के संगठनों ने राज्य सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए (सोमवार) रात 12 बजे से अनिश्चितकालीन राज्यव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल डीज़ल पर बिक्री कर (वैट) में वृद्धि, टोल शुल्क में इजाफा और आरटीओ अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीड़न के खिलाफ की जा रही है। इस आंदोलन का नेतृत्व फेडरेशन ऑफ कर्नाटक स्टेट लॉरी ओनर्स एंड एजेंट्स एसोसिएशन और कर्नाटक गुड्स ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन संयुक्त रूप से कर रहे हैं।

राज्यभर में लगभग 6 लाख ट्रक और लॉरी हड़ताल के चलते सड़कों से नदारद रहेंगे

संघ के अनुसार, राज्यभर में लगभग 6 लाख ट्रक और लॉरी हड़ताल के चलते सड़कों से नदारद रहेंगे। इससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर व्यापक असर पड़ने की आशंका है। हड़ताल के दौरान बजरी, रेत, निर्माण सामग्री, पेट्रोल-डीज़ल, यहां तक कि एलपीजी टैंकरों की आवाजाही भी बंद रहेगी। ट्रक मालिकों ने सरकार को अपनी मांगों पर विचार करने के लिए 14 अप्रैल तक का समय दिया था। चूंकि सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, इसलिए अब उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया है।

हड़ताल पांच प्रमुख मांगों को लेकर की जा रही है

संघ अध्यक्ष जी.आर. शन्मुगप्पा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हड़ताल पांच प्रमुख मांगों को लेकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में डीज़ल की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर तक की वृद्धि हुई है, जिससे ट्रांसपोर्टरों की लागत काफी बढ़ गई है। राज्य भर में टोल प्लाज़ा पर जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं, जिससे वाहन मालिकों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। जीएसटी लागू होने के बावजूद राज्य की सीमाओं पर चेक पोस्ट अभी भी चालू हैं, जो अब बेमतलब हैं। यह छोटे और मध्यम ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों के लिए बहुत बड़ा आर्थिक झटका होगा। इन प्रतिबंधों से समय पर सामान पहुंचाना मुश्किल हो गया है, जिससे परिचालन क्षमता पर असर पड़ रहा है।

संघ ने एनबीएफसीएस और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा वाहनों की जब्ती और मानसिक उत्पीड़न का मुद्दा भी उठाया

इसके अतिरिक्त, संघ ने एनबीएफसीएस और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा वाहनों की जब्ती और मानसिक उत्पीड़न का भी मुद्दा उठाया है। शन्मुगप्पा ने यह भी जानकारी दी कि 27 और 28 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर पर भी आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। उन्होंने सवाल किया, “सिर्फ कर्नाटक में ही आरटीओ चेकपोस्ट्स क्यों हैं? पिछले छह वर्षों में हमने कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया। लेकिन अब हमारी समस्याएं बर्दाश्त के बाहर हैं।”(इनपुट-आईएएनएस)

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आखरी अपडेट: 24th Apr 2025