रजनीगंधा का नाम लेते ही तरोताजा करने वाले एक सफेद और खुशबू से भरे फूल की तस्वीर आंखों के सामने आ जाती है। औषधीय गुणों से भरपूर रजनीगंधा केवल आपके जीवन को नहीं महकाता, बल्कि यह आपकी सेहत को भी दुरुस्त रखता है। त्वचा से संबंधित बीमारी हो या तनाव, रजनीगंधा के फायदे अनेक हैं।
रजनीगंधा को प्रेम और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है
दरअसल, रजनीगंधा को ‘ट्यूबरोज’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सुगंधित फूल वाला पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम पोलिएन्थेस ट्यूबरोसा है। रजनीगंधा का पौधा मैक्सिको और मध्य अमेरिका में मुख्य तौर पर पाया जाता है, लेकिन भारत में भी इसे बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। रजनीगंधा को प्रेम और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
रजनीगंधा को स्वास्थ्य के लिए भी माना गया है लाभदायक
कई औषधीय गुणों से युक्त रजनीगंधा को स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना गया है। सदियों से यह आयुर्वेद के लिए अहम जड़ी-बूटी रही है। रजनीगंधा यौन संचारित रोगों (एसटीई) के लिए कारगर है। जैसे कि इस पौधे के बल्ब का अर्क गोनोरिया के इलाज में बहुत मददगार साबित होता है। यही नहीं, रजनीगंधा के फूल को एक बेहतरीन मूत्रवर्धक माना गया है। रजनीगंधा के फूल का अर्क मूत्राशय की सूजन और मूत्र प्रतिधारण से पीड़ित रोगियों को पेशाब को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।
त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए रजनीगंधा का फूल है बेहद ही उपयोगी
इसके अलावा, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण सूजन में भी इसे कारगर माना गया है। इसका तेल जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए काफी लाभदायक है। इसके साथ ही, त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए रजनीगंधा का फूल बेहद ही उपयोगी है। फूलों के अर्क को त्वचा पर लगाने से मुंहासे, बढ़े हुए पोर्स और तैलीय त्वचा से राहत मिलती है।
तनाव, क्रोध और भ्रम पर काबू पाने में भी है सक्षम
इसके अलावा, रजनीगंधा को तनाव के लिए भी अच्छा माना गया है, क्योंकि इसका फूल प्राकृतिक रूप से तनाव दूर करने वाला होता है। फूल की खुशबू मन को शांत करती है और शरीर को आराम भी देती है, जिससे चिंता, तनाव, क्रोध और भ्रम पर काबू पाया जा सकता है।(इनपुट-आईएएनएस)