प्रतिक्रिया | Friday, November 22, 2024

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यूजीसी की नई पहल, मेधावी शोधार्थियों को मिलेगा पीएचडी उत्कृष्टता सम्मान

शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने “पीएचडी उत्कृष्टता सम्मान” की शुरुआत की है, जो हर साल विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट शोध कार्य करने वाले पीएचडी शोधार्थियों को सम्मानित करेगा। यह निर्णय 3 अक्टूबर 2024 को हुई यूजीसी की बैठक में लिया गया।

इसके तहत दस शोधार्थियों को हर साल विज्ञान, इंजीनियरिंग, समाजशास्त्र और भारतीय भाषाओं सहित कई विषयों में उनकी उत्कृष्टता के लिए सम्मानित करने की योजना बनाई गई है। इस सम्मान के लिए चयन प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में विश्वविद्यालय स्तर पर स्क्रीनिंग समिति शोधार्थियों के कार्यों की समीक्षा करेगी, और फिर अंतिम चयन यूजीसी स्तर पर एक चयन समिति द्वारा किया जाएगा।

पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या में हाल के वर्षों में बड़ी वृद्धि

इस सम्मान के लिए शोध की मौलिकता, ज्ञान में योगदान, अनुसंधान पद्धति, स्पष्टता, प्रभाव और शोध प्रबंध की समग्र प्रस्तुति जैसे मानकों पर मूल्यांकन किया जाएगा। यूजीसी के एक अध्ययन के मुताबिक पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या में हाल के वर्षों में बड़ी वृद्धि हुई है। 2010-11 में 77,798 पीएचडी में प्रवेश के मुकाबले 2017-18 में यह संख्या दोगुनी होकर 1,61,412 हो गई, जो 10% की वार्षिक वृद्धि दर दर्शाती है।

इस बढ़ते शोध गतिविधि को देखते हुए, यूजीसी ने “पीएचडी उत्कृष्टता सम्मान” शुरू करने का फैसला किया, ताकि भारतीय विश्वविद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाले शोध कार्य को प्रोत्साहित किया जा सके। यूजीसी के अध्यक्ष ममिडाला जगदीश कुमार ने कहा, “यह पहल विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट शोध कार्य को पहचानने और सम्मानित करने के लिए शुरू की गई है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जो नए ज्ञान के सृजन और खोज को भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानती है।

यह सम्मान उन शोधार्थियों के लिए है जिन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों में अपने शोध प्रबंध का सफलतापूर्वक डिफेंड किया है। इसमें राज्य, केंद्रीय, निजी और मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल होंगे। इसमें केवल वे विश्वविद्यालय ही इसमें भाग ले सकते हैं, जो राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और यूजीसी अधिनियम की धारा 2(f) के तहत सूचीबद्ध हैं। विश्वविद्यालय हर साल पांच विषयों में से प्रत्येक से एक शोध प्रबंध को नामांकित कर सकते हैं।

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आखरी अपडेट: 22nd Nov 2024