संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को गाजा पट्टी के लिए अमेरिका समर्थित संघर्ष विराम प्रस्ताव पारित कर दिया। सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 14 ने पक्ष में मतदान किया जबकि रूस ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। गौरतलब है रूस के पास वीटो शक्ति है। इससे पहले अमेरिका सुरक्षा परिषद के समक्ष पिछले तीन संघर्ष विराम प्रस्तावों को वीटो कर चुका था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत सुश्री लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, “हिंसा के इस चक्र को समाप्त करने और टिकाऊ शांति बनाने का एकमात्र तरीका राजनीतिक समझौता है।” ग्रीनफील्ड ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि इजराइल समझौते पर सहमत हो और कतर और मिस्र, हमास को बातचीत की मेज पर लाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, “सहयोगियों, आज हमने शांति के लिए मतदान किया।”
शांति के लिए तीन चरणों की योजना प्रस्तावित
इस प्रस्ताव में तीन चरण की योजना बनाई गई है, जो तत्काल युद्धविराम, इजराइली जेलों में बंद फिलिस्तीनियों के बदले में सभी बंधकों की रिहाई, विस्थापित गाजावासियों की उनके घरों में वापसी और गाजा से इजराइली सेना की पूर्ण वापसी के साथ शुरू होती है।
दूसरे चरण में दोनों पक्षों की सहमति से स्थायी युद्धविराम का आह्वान किया गया है और तीसरे चरण में गाजा के लिए एक बहुवर्षीय पुनर्निर्माण योजना और मृत बंधकों के अवशेषों की वापसी शामिल होगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि पहले चरण की बातचीत में छह सप्ताह से अधिक समय लगता है, तब भी जब तक बातचीत जारी रहेगी तब तक संघर्ष विराम जारी रहेगा।” इसमें “गाजा पट्टी में जनसांख्यिकीय या क्षेत्रीय परिवर्तन के किसी भी प्रयास को भी खारिज कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के प्रतिनिधि शापिर बेन नफ्ताली ने कहा है कि युद्ध में उनके देश सुरक्षा परिषद को भरोसा दिलाया है कि अगर हमास नेता सभी बंधकों को मुक्त कर दें और खुद आत्मसमर्पण कर दें, तो एक भी गोली नहीं चलाई जाएगी। हमास ने भी सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में शामिल बातों का स्वागत किया है।