प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 52 करोड़ के पार पहुंच गई है। इसके साथ ही जनधन खातों में कुल जमा राशि 2.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। पीएमजेडीवाई खातों की संख्या मार्च 2015 के 14.72 करोड़ से तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 19 जुलाई, 2024 तक 52.81 करोड़ हो गई है। सरकार ने अगस्त, 2014 में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के नाम से राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हर परिवार को बैंकिंग सुविधा प्रदान करना, असुरक्षित लोगों को सुरक्षा देना, वित्तपोषण से वंचितों को वित्तपोषित करना तथा वंचित और कम सेवा वाले क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करना है। यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दी।
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 14 अगस्त, 2018 से पीएमजेडीवाई का उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से वंचित सभी वयस्कों को इसके दायरे में लाना रहा है। उन्होंने कहा कि पीएमजेडीवाई देश भर में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैंकिंग पहुंच बढ़ाने में सफल रही है। पीएमजेडीवाई के तहत 19 जुलाई, 2024 तक 2,30,792 करोड़ रुपये की जमा राशि के साथ कुल 52.81 करोड़ जन-धन खाते खोले गए हैं। पीएमजेडीवाई के तहत इनमें से 29.37 करोड़ (55.6%) जन-धन खाते महिलाओं के हैं और लगभग 35.15 करोड़ (66.6%) खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि 19 जुलाई, 2024 तक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत, किसी भी कारण से मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान करने के लिए कुल 20.48 करोड़ नामांकन किए गए हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत, 2 लाख रुपये (मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता) और 1 लाख रुपये (स्थायी आंशिक विकलांगता) का एक वर्षीय दुर्घटना कवर प्रदान करने के लिए कुल 45.08 करोड़ नामांकन किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत, पात्र ग्राहकों को मासिक पेंशन प्रदान करने के लिए कुल 6.71 करोड़ नामांकन किए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी जानकारी दी कि सरकार ने विभिन्न ऋण संबंधित योजनाएं शुरू की हैं, जिसका उद्देश्य वित्तपोषण से वंचित लोगों को वित्तपोषित करना हैं। जिनकी प्रगति इस प्रकार है।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अंतर्गत, 29.93 लाख करोड़ रुपये (12.07.2024 तक) के कुल 48.92 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
- स्टैंड-अप इंडिया योजना (एसयूपीआई) के अंतर्गत, ग्रीनफील्ड परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को 53,609 करोड़ रुपये (15.07.2024 तक) के कुल 2.36 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
- 7 सितम्बर, 2023 को शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य 18 चिन्हित व्यवसायों में लगे पारंपरिक कलाकारों और शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण, बंधक-मुक्त ऋण, आधुनिक उपकरण, बाजार संपर्क सहायता और डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन के माध्यम से शुरू से अंत तक समग्र सहायता प्रदान करना है।
उन्होंने यह भी बताया, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएमस्वनिधि) को 1 जून, 2020 को लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य कोविड-19 लॉकडाउन से प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स को राहत प्रदान करना था। इस योजना का उद्देश्य न केवल स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण देकर उन्हें सशक्त बनाना है, बल्कि उनके समग्र आर्थिक विकास के लिए भी काम करना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैंकों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ इन योजनाओं के कार्यान्वयन और इनकी प्रभावशीलता की निगरानी भी की जाती है।