संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने प्रौद्योगिकी के सुरक्षित उपयोग के लिए आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा “डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की भूमिका सहायक के रूप में होना चाहिए न कि बाधा के रूप में।” उन्होंने समावेशी डिजिटल विकास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए वैश्विक भलाई के लिए भारत के DPI को साझा करने की पेशकश की।
पीएम मोदी ने कहा “प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है। हम वैश्विक डिजिटल शासन चाहते हैं जो राष्ट्रों की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखे।” उन्होंने वैश्विक सहयोग के लिए मार्गदर्शक दर्शन के रूप में “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के महत्व पर प्रकाश डाला।
संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया से मिलकर बने क्वाड राष्ट्रों ने भी सुरक्षित, विश्वसनीय और अंतर-संचालन योग्य डिजिटल इकोसिस्टम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में समावेशिता सुरक्षा, गोपनीयता और सार्वजनिक लाभ जैसे सिद्धांतों पर जोर दिया।
पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने वैश्विक विकास को आगे बढ़ाने में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता को पहचाना। विदेश मंत्रालय द्वारा परिभाषित डीपीआई में सुरक्षित, साझा डिजिटल सिस्टम शामिल हैं जो सार्वजनिक सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करते हैं। सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा सह-निर्मित ये सिस्टम कानूनी ढांचे द्वारा शासित होते हैं, जो निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और मानवाधिकारों को बढ़ावा देते हैं।
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने बढ़ती वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों, विशेष रूप से साइबरस्पेस, समुद्री और अंतरिक्ष क्षेत्रों को भी संबोधित किया और एक समन्वित वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है, साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष जैसे संघर्ष के नए क्षेत्र भी उभर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में, विश्व नेताओं ने भविष्य के लिए एक समझौता अपनाया, गया जिसमें वैश्विक डिजिटल समझौता और भविष्य की पीढ़ियों पर एक घोषणा शामिल है। यह समझौता शांति और सुरक्षा, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकारों सहित कई मुद्दों को संबोधित करता है, जो एक निष्पक्ष और समावेशी डिजिटल भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।