संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र के अध्यक्ष फिलेमोन यांग विदेश मंत्री एस. जयशंकर के निमंत्रण पर मंगलवार को चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे। इस यात्रा के दौरान यूएनजीए के अध्यक्ष यांग और विदेश मंत्री जयशंकर के आपसी हितों के प्रमुख क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है। यांग अपने आधिकारिक कार्यक्रमों के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगे।
इंफोसिस और आईआईएससी का करेंगे दौरा
यांग के कार्यक्रम में बेंगलुरु की यात्रा शामिल है, जहां वे इंफोसिस और प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन यात्राओं से यांग को स्थिरता और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति का पता लगाने का अवसर मिलेगा।मंत्रालय ने कहा, ” यांग इंफोसिस और आईआईएससी का दौरा करेंगे, जहां वे विभिन्न क्षेत्रों में भारत के नवाचारों के विशेषज्ञों से मिलेंगे।”
10 सितंबर को यूएनजीए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला
10 सितंबर को यूएनजीए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने वाले यांग ने वैश्विक चुनौतियों के लिए बहुपक्षीय समाधानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विजन दस्तावेज “भविष्य के लिए एक समझौता” को अपनाने की देखरेख की है। इससे पहले यांग कैमरून के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।
न्यूयॉर्क में में हुई थी विदेश मंत्री की मुलाकात
यह यात्रा पिछले सितंबर में न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री जयशंकर की यांग से मुलाकात के बाद हो रही है, जहां भारत ने एकता, शांति और स्थिरता के उनके दृष्टिकोण को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया था। सोशल मीडिया पर बैठक का विवरण साझा करते हुए विदेश मंत्री ने यांग के एजेंडे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए लिखा, “विविधता में एकता, शांति, मानवीय स्थिरता और हर जगह सभी के लिए सम्मान के उनके दृष्टिकोण को भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।”
यांग ने भी इस भावना का जवाब देते हुए वैश्विक दक्षिण के हितों को आगे बढ़ाने में भारत की भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने पोस्ट किया, “हमने यूएनजीए के लिए प्राथमिकताओं पर चर्चा की और भारत के प्रयासों की सराहना की।”