आम बजट पेश होने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जन सुरक्षा और मुद्रा योजना सहित विभिन्न वित्तीय समावेशन योजनाओं (वेलफेयर स्कीमों) की प्रगति की समीक्षा के लिए बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों की बैठक बुलाई है। इस समीक्षा बैठक की अध्यक्षता वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू करेंगे, जिसमें निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे।
विभिन्न वित्तीय समावेशन योजनाओं की प्रगति पर चर्चा
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पीएम स्वनिधि योजनाओं सहित विभिन्न वित्तीय समावेशन योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा और समीक्षा की जाएगी। वित्त मंत्रालय ने समय-समय पर प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत विभिन्न अभियान चलाए हैं।
केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाएं
–पीएमजेजेबीवाई 18-50 वर्ष की आयु वर्ग के उन लोगों को किसी भी कारण से मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान करती है, जिनके पास बैंक या डाकघर में खाता है। इसमें शामिल होने या प्रीमियम के स्वत: डेबिट को सक्षम करने के लिए अपनी सहमति देते हैं। वहीं, पीएमएसबीवाई 18-70 वर्ष की आयुवर्ग के उन लोगों को दुर्घटनावश मृत्यु या पूर्ण स्थायी विकलांगता के लिए 2 लाख रुपये तथा आंशिक स्थायी विकलांगता के लिए एक लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करती है, जिनके पास बैंक या डाकघर में खाता है। इसमें शामिल होने या प्रीमियम के स्वत: डेबिट को सक्षम करने के लिए अपनी सहमति देते हैं।
–इसी तरह आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए पांच अप्रैल, 2016 को शुरू की गई स्टैंड अप इंडिया योजना 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य सभी बैंक शाखाओं को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उधारकर्ताओं को अपने स्वयं के नए उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण देने के लिए प्रोत्साहित करना है। दअरसल पिछले साल सरकार ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना को दिसंबर, 2024 तक जारी रखने की मंजूरी दी थी।
–पीएम स्वनिधि योजना को सरकार ने जून, 2020 में सूक्ष्म-कर्ज सुविधा के रूप में पेश किया था। इसका उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी पर अस्थायी दुकान या ठेली लगाने वालों) को कोरोना महामारी के परिणामस्वरूप हुए नुकसान की भरपाई के लिए सशक्त बनाना था। पीएम स्वनिधि के माध्यम से स्ट्रीट वेंडर्स को किफायती, बिना किसी जमानत के लोन दिया जाता है।