पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में शुक्रवार को ‘स्किल इंडिया’ कार्यक्रम को साल 2026 तक जारी रखने और इसके पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2022-23 से 2025-26 तक ओवरऑल 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2026 तक ‘स्किल इंडिया कार्यक्रम’ को जारी रखने और पुनर्गठन को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए अवसर पैदा करना पीएम मोदी का मिशन है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि यह मंजूरी देश भर में मांग-संचालित, प्रौद्योगिकी-सक्षम और उद्योग-संरेखित प्रशिक्षण को एकीकृत करके एक कुशल, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (पीएमकेवीवाई 4.0), प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना (पीएम-एनएपीएस) और जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना अब ‘स्किल इंडिया कार्यक्रम’ का हिस्सा होंगी।
इन पहलों का उद्देश्य कौशल विकास, नौकरी प्रशिक्षण और समुदाय आधारित शिक्षा प्रदान करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाशिए पर खड़े समुदायों सहित शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी को उच्च गुणवत्ता वाली व्यावसायिक शिक्षा तक पहुंच प्राप्त हो। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की तीन प्रमुख योजनाओं के तहत आज तक 2.27 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं।