केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा देश में टीबी मामलों और मृत्यु दर की चुनौतियों से निपटने के लिए 7 दिसंबर को हरियाणा के पंचकूला में 100 दिवसीय गहन अभियान का शुभारंभ करेंगे। टीबी मामलों का पता लगाने, निदान में तेजी लाने और उपचार के परिणामों में सुधार लाने के लिए यह पहल 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में लागू की जाएगी। यह पहल टीबी मुक्त भारत के विज़न के अनुरूप है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 दिल्ली एंड टीबी समिट में रखा था। उसी समय से, देश भर में टीबी की रोकथाम, निदान और उपचार सेवाओं को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम द्वारा महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई हैं।
यह अभियान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत भारत में तपेदिक (टीबी) अधिसूचना और मृत्यु दर की चुनौतियों का समाधान करके इस बीमारी को समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में लागू की जाने वाली यह पहल टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में इस बीमारी से निपटने की गतिविधियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
आपको बता दें, इस 100 दिवसीय अभियान में टीबी मामलों की दर, निदान कवरेज और मृत्यु दर जैसे प्रमुख संकेतकों के प्रदर्शन में सुधार की परिकल्पना की गई है। यह मंत्रालय द्वारा हाल ही में किए गए नीतिगत सुधारों के अनुरूप भी है, जिसमें टीबी रोगियों के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत वित्तीय सहायता में वृद्धि और प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में सामाजिक पहल सहायता के तहत घरेलू संपर्कों को शामिल करना शामिल है।
अभियान में उन्नत निदान तक पहुंच बढ़ाना, कमज़ोर समूहों के बीच लक्षित जांच, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए विशेष देखभाल और विस्तारित पोषण सहायता के प्रावधान पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह पहल देश भर में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के विशाल नेटवर्क का लाभ उठाएगी, जिन्होंने टीबी सेवाओं को अंतिम छोर तक सुलभ कराया है।