केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कल सोमवार को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) की प्रगति की समीक्षा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 2023 में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी से सहकारिता मंत्रालय द्वारा इन तीनों राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं को बनाया गया था, जिनका उद्देश्य सहकारी निर्यात, जैविक उत्पादन और गुणवत्तापूर्ण बीजों के प्रचार के लिए छत्र संगठन के रूप में कार्य करना है।
अमित शाह ने कहा कि एनसीईएल को सहकारी चीनी मिलों से चीनी, त्रिपुरा के सुगंधित चावल, जैविक कपास, और मोटे अनाज के निर्यात के नए अवसर तलाशने का निर्देश दिया। उन्होंने खाड़ी देशों में ताज़ी सब्जियों के निर्यात और विशेष आलू किस्मों के लिए बड़ी कंपनियों के साथ भागीदारी की संभावनाओं का भी सुझाव दिया।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने एनसीईएल को ₹2 लाख करोड़ के निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया और कहा कि ऐसे तीन विशिष्ट उत्पादों की पहचान की जाए जिन्हें भारत से वर्तमान में निर्यात नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही, सभी सहकारी संस्थाओं के निर्यात को एनसीईएल के माध्यम से करने का निर्देश दिया ताकि लगभग ₹20,000-30,000 करोड़ का कारोबार और करों व संचालन लागत के बाद शुद्ध लाभ वापस सहकारी समितियों को मिल सके।
अमित शाह ने दलहन आयात हेतु अफ्रीका और म्यांमार में एनसीईएल के कार्यालय स्थापित करने तथा एक समर्पित वेबसाइट विकसित करने का भी सुझाव दिया, जिससे सहकारी सदस्य वैश्विक मांग को समझ सकें और अपनी आपूर्ति क्षमता साझा कर सकें।
केंद्रीय मंत्री शाह ने एनसीओएल (NCOL) के संबंध में कहा कि एनसीओएल द्वारा प्राप्त जैविक उत्पाद अमूल, बिगबास्केट जैसे बड़े ब्रांडों को भी आपूर्ति किए जा रहे हैं जिससे ‘भारत ऑर्गेनिक्स’ ब्रांड के लिए अधिक मात्रा और लागत लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसके उत्पाद रिलायंस स्टोर्स में पूरे भारत में उपलब्ध होंगे। आपको बता दें, ‘भारत ऑर्गेनिक्स’ ब्रांड के तहत 22 उत्पाद वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में उपलब्ध हैं और इसे प्रमुख महानगरों में लॉन्च करने की योजना है। उत्पादों में अनाज, दालें, मसाले और मिठास उत्पाद शामिल हैं।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने एनसीओएल के प्रयासों की सराहना करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹300 करोड़ से अधिक के कारोबार का लक्ष्य रखा। उन्होंने राज्य स्तर पर प्रमाणित जैविक किसानों के समूह बनाने और उन्हें उच्च स्तर पर एकीकृत करने का भी निर्देश दिया है।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में वाणिज्यिक संचालन के शून्य वर्ष में ही एनसीओएल ने विभिन्न वर्गों में 7000 से अधिक सहकारी संस्थाओं को सदस्यता दी और 1200 मीट्रिक टन से अधिक की मात्रा का लेनदेन किया, जो 2000 से अधिक किसानों से प्राप्त किया गया। इसका कारोबार अब तक ₹10.26 करोड़ रहा है। इसके अलावा, ब्रांड की विशिष्टता इसकी ‘प्रामाणिकता और वहनीयता’ के दृष्टिकोण के मद्देनजर हर उत्पाद बैच का कीटनाशक अवशेषों की जांच ‘जैविक भारत’ मानकों के अनुसार की जा रही है और उसकी रिपोर्ट उपभोक्ताओं के साथ क्यूआर के रूप में साझा किया जा रहा है और यह ग्राहक उन्मुख पहल इस उद्योग में पहली बार लागू किया गया है ।
वहीं, भारत के बीज पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में बीबीएसएसएल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए अमित शाह ने कहा कि केला उत्पादक शीर्ष 10 राज्यों के लिए उच्च आनुवंशिक क्षमता वाले पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टिशू कल्चर सुविधा की स्थापना करना अति-आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि गुजरात के कलोल में हाल ही में स्थापित किया गया अत्याधुनिक बीज अनुसंधान केन्द्र अरहर, उड़द, मक्का जैसी फसलों की उच्च उपज, कम परिपक्वता और कम जल आवश्यकता वाली किस्मों के विकास हेतु कार्य करेगा ।
अमित शाह ने उच्च चीनी मात्रा और कम जल आवश्यकता वाली गन्ना किस्म पर भी कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बीबीएसएसएल को एनडीडीबी और अमूल के नेटवर्क के माध्यम से बिक्री हेतु लचका चारा फसल के बीच विकसित करने का आग्रह किया है।
केंद्रीय मंत्री शाह ने प्रोसेसिंग किस्मों के लिए बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष रूप से फ्रेंच फ्राइज के लिए आलू जैसी प्रोसेसिंग किस्मों हेतु बीज उत्पादन को प्रोत्साहन दिये जाने पर भी बल दिया ।