प्रतिक्रिया | Sunday, February 23, 2025

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भारती के नए परिसर का उद्घाटन किया। इस दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत की वैज्ञानिक प्रगति और डीएनए वैक्सीन से लेकर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तक प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वैक्सीन और चंद्रयान जैसी वैश्विक सफलता की कहानियां भारत की अभूतपूर्व प्रगति का प्रमाण हैं।

समारोह को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विज्ञान के क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी युग का साक्षी बन रहा है। उन्होंने इस बात पर रोशनी डाली कि कैसे प्रधानमंत्री न केवल प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि वे वैज्ञानिक समुदाय को अटूट समर्थन भी देते हैं, संसाधनों के साथ इसे मजबूत करते हैं और सर्वोत्तम परिणाम हासिल करने के लिए गैर-सरकारी क्षेत्रों के साथ सहयोग को सक्षम बनाते हैं।

पिछले दशक की प्रगति पर रोशनी डालते हुए केंद्रीय विज्ञान ने इस बात पर बल दिया कि भारत के पास हमेशा से ही प्रचुर वैज्ञानिक कौशल और प्रतिभा रही है, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व की ओर से प्रतिबद्धता और प्राथमिकता का अभाव था। जिसे अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में सक्रिय रूप से संबोधित किया जा रहा है।

उन्होंने भारत की उपलब्धियों का गर्व से जिक्र किया, जिनमें शामिल हैं- महामारी के दौरान विकसित पहला डीएनए टीका। सर्वाइकल कैंसर से निपटने के लिए पहला स्वदेशी एचपीवी टीका और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति, बावजूद इसके कि इस क्षेत्र में देर से शुरुआत की गई। डॉ. जितेंद्र सिंह ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रयासों के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बारे में भी बात की, जो 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के देश के लक्ष्य की पुन: पुष्टि करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे स्वदेशी ज्ञान के एक मूल्यवान भंडार की संज्ञा दी। उन्होंने कुछ उदाहरण दिए जैसे-ओडिशा में कोणार्क मंदिर, जो 2000 के सुपर साइक्लोन के बाद भी सुरक्षित और अक्षत रहा और ये भारत की वास्तुकला के प्रतिस्कंदन को दर्शाता है।

 

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आखरी अपडेट: 23rd Feb 2025