केन्द्रीय कोयला तथा खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने 2 जुलाई को नई दिल्ली में “राष्ट्रीय सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के उम्मीदवारों को पुरस्कृत करने की उत्कृष्ट पहल, निर्माण (NIRMAN) पोर्टल का शुभारंभ किया। यह कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा अपनी गतिविधियों के संचालन वाले जिलों के उन मेधावी युवाओं के लिए शुरू की गई एक अनूठी सीएसआर योजना है, जिन्होंने 2024 में यूपीएससी परीक्षा (सिविल सेवा और वन सेवा के लिए) के प्रारंभिक दौर में अर्हता प्राप्त की है। यह योजना यूपीएससी के योग्य उम्मीदवारों को एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी।
उल्लेखनीय है, “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास” के जरिए “विकसित भारत” के लक्ष्य को हासिल करने हेतु, कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और इसकी सहायक कंपनियों ने कोयला वाले क्षेत्रों के योग्य एवं वंचित छात्रों को राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित पेशेवर संस्थानों में प्रवेश पाने में मदद करने के लिए विभिन्न पहल की हैं।
“मिशन कर्मयोगी” की परिकल्पना के अनुरूप
कोयला मंत्रालय ने एक बयान में जानकरी देते हुए बताया कि केन्द्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने निर्माण पोर्टल (NIRMAN Portal) का शुभारंभ किया। यह कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा अपनी गतिविधियों के संचालन वाले जिलों के उन मेधावी युवाओं के लिए शुरू की गई एक अनूठी सीएसआर योजना है, जिन्होंने 2024 में यूपीएससी परीक्षा (सिविल सेवा और वन सेवा के लिए) के प्रारंभिक दौर में अर्हता प्राप्त की है। दरअसल यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “मिशन कर्मयोगी” की परिकल्पना के अनुरूप है। मिशन कर्मयोगी भारतीय नौकरशाही में सुधार लिए सिविल सेवा क्षमता निर्माण (NPCSCB) के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम है।
एक लाख रुपये की मिलेगी सहायता
इस योजना का उद्देश्य प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण उन उम्मीदवारों को 1,00,000/- रुपये (एक लाख रुपये) की सहायता प्रदान करना है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है और जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला या थर्ड जेंडर से संबंधित हैं तथा सीआईएल की गतिविधियों के संचालन वाले 39 जिलों में से किसी एक के स्थायी निवासी हैं। आवेदनों की पूर्ण पारदर्शी एवं निर्बाध जांच सुनिश्चित करने हेतु पूरी आवेदन प्रक्रिया एक ऐसे समर्पित पोर्टल के जरिए होती है।
बता दें कि कोयला मंत्रालय की सीपीएसई, कोल इंडिया लिमिटेड, एक ऐसी महारत्न कंपनी है जो न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ है, बल्कि कोयला धारक क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉरपोरेट की महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाती है।