केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार (6, सितंबर) को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) पटना के परिसर में 188 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आंखों के अस्पताल और नए भवन का उद्घाटन किया। जेपी नड्डा ने आईजीआईएमएस में स्वास्थ्य उपकेंद्र (एचएससी), अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी), स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत कुल 850 करोड़ रुपये की लागत की कई स्वास्थ्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, मंत्री मंगल पांडे और विजय कुमार चौधरी की भी मौजूद रहे। इसका निर्माण करीब 188 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह संस्थान ट्रॉमा सेंटर की सुविधा वाला पूर्वी भारत का सबसे बड़ा नेत्र अस्पताल है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 1990 से 2005 और 2005 से अब तक की यात्रा कैसी रही? आपको अमावस्या और पूर्णिमा का फर्क पता चल रहा होगा। उन्होंने कहा कि प्रिवेंटिव मेडिसीन से प्रोमोटिव हेल्थकेयर पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। आईजीआईएमएस बिहार की ही नहीं, बल्कि ओडिशा, बंगाल और नेपाल की सेवा कर रहा है।
आज केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना के आईजीआईएमएस में आंख अस्पताल के उद्धाटन मौके पर कहा, “जब मैं 2019 में स्वास्थ्य मंत्री था, तो मैंने आखिरी आधारशिला यहीं नेत्र रोग विभाग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में रखी थी। एक बार फिर मंत्री बनने के बाद, पहला उद्घाटन मैं यहां IGIMS में कर रहा हूं, यह मुझे सौभाग्य मिल रहा है।”
उन्होंने कहा कि पीएमसीएच की कहानी आपको मालूम होगी। वर्ष 1980 और 1990 के दशक में पीएमसीएच की क्या हालत थी, यह आप जानते हैं। जब नीतीश कुमार आए तो पीएमसीएच की हालत सुधारी। आज पीएमसीएच 5462 बेड के साथ दुनिया का दूसरा बड़ा अस्पताल बन रहा है। जेपी नड्डा ने कहा कि वर्ष 2005 तक आईजीआईएमएस का क्या हाल था और 2005 के बाद अब तक इस अस्पताल ने विकास की कैसी छलांग लगाई है। आप जब इसके विकास पर ध्यान देंगे तो राजग सरकार के मील का पत्थर देंगे। पहले स्वास्थ्य का मतलब होता था कि मरीज बीमार हो तो उसका इलाज करो। अब स्वास्थ्य का मतलब है कि मरीज को बीमार ही नहीं होने देना। स्वास्थ्य विभाग जन्म से लेकर 16 साल तक आपको 26 इंजेक्शन लगाता है, ताकि आप स्वस्थ रह सकें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि प्रिवेंटिव मेडिसीन से प्रोमोटिव हेल्थकेयर पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। आईजीआईएमएस बिहार की ही नहीं, बल्कि ओडिशा, बंगाल और नेपाल की सेवा कर रहा है। इस इंस्टीट्यूट में 11 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बना है। वर्ल्ड क्लास इलाज की सुविधा इस नेत्र अस्पताल में है। जेपी नड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने दरभंगा एम्स के लिए जमीन उपलब्ध करवाई। कल मैं उस जमीन को देखने जाऊंगा। उन्होंने कहा कि दरभंगा की जमीन थोड़ी नीची है और बिहार सरकार ने इसकी भराई की जिम्मेदारी भी उठाई है। हम इसे और ऊंचा करते हुए बनाएंगे।
जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार आने को आतुर हैं। वह दरभंगा में एम्स का जल्द से जल्द शिलान्यास करना चाहते हैं ताकि मिथिलांचल समेत पूरे बिहार के लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब हमारी सरकार 2005 में आई थी तब स्वास्थ्य क्षेत्र की हालत बहुत खराब थी। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, दवा और अन्य सुविधाओं की कमी थी। 2006 से अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवा देने की शुरुआत की गई। पहले की सरकार क्या करती थी?… मुझसे दो बार गलती हुई कि मैं उनके साथ चला गया। हमारा एनडीए शुरू से रिश्ता था, 1995 से। बीच में कभी दो बार गलती हुई, मैं ‘इधर-उधर’ हुआ लेकिन अब नहीं होगा।
उल्लेखनीय है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा शुक्रवार को बिहार के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। इस दौरान जेपी नड्डा पटना, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और भागलपुर में कई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।