केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कवरत्ती में केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के विद्युत क्षेत्र की समीक्षा की। बैठक के दौरान लक्षद्वीप के बिजली क्षेत्र के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान बिजली उत्पादन की स्थिति और उत्पादन के स्रोत, बिजली विभाग का प्रदर्शन, बिजली की मांग और आपूर्ति से संबंधित मुद्दे, प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना और बिजली वितरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अलावा ग्राउंड माउंटेड सोलर प्रोजेक्ट की स्थिति और फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की प्रस्तावित परियोजना पर भी विचार-विमर्श किया गया।
केंद्रीय विद्युत और आवासन और शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में उनके दौरे से समस्याओं के समाधान और नई पहल की पहचान में मदद मिलेगी जिससे केंद्र शासित प्रदेश के नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं में और सुधार होगा।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि समय के साथ विद्युत उत्पादन की लागत कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने सौर और पवन या दोनों के संयोजन जैसे बिजली उत्पादन के नवीकरणीय स्रोतों की हिस्सेदारी बढ़ाकर और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के साथ संयोजन कर डीजल आधारित उत्पादन पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि एक स्थिर ग्रिड बनाया जा सके।
केंद्रीय विद्युत मंत्री ने ऊर्जा उत्पादन के वैकल्पिक स्रोतों की संभावना तलाशने का भी उल्लेख किया। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने और ऊर्जा प्रदान करने के लिए सौर आधारित ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने पर जोर दिया। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश को लक्षद्वीप अगत्ती-बंगारम, मिनिकॉय और कदमत जैसे द्वीपों को हरित बनाने की दिशा में काम शुरू करने की सलाह दी और मंत्रालय द्वारा इसके लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
वहीं, बैठक में लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने अपने संबोधन में लक्षद्वीप में विद्युत क्षेत्र से संबंधित मुद्दों की समीक्षा के लिए केंद्रीय मंत्री के दौरे के लिए उन्हें धन्यवाद दिया तथा संघ राज्य क्षेत्र की अन्य बातों से उन्हें अवगत कराया।
उन्होंने सब-मरीन केबल द्वारा द्वीपों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं को मंजूरी देने का अनुरोध किया। उन्होंने द्वीप में बिजली की गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति परियोजना की आवश्यकता का उल्लेख किया।