केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने आज (शुक्रवार) को राज निवास, श्री विजयपुर में उपराज्यपाल डीके जोशी के साथ अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में शहरी विकास योजनाओं की समीक्षा की।
बैठक में मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश (यूटी) आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) की 7 योजनाओं का संचालन कर रहा है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की अपनी पहली यात्रा के दौरान मनोहर लाल ने मिशन में प्रगति की सराहना की, विशेष रूप से अमृत, स्मार्ट सिटी मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के तहत परियोजनाओं की, जिन्होंने नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने में अहम योगदान दिया है।
मनोहर लाल ने आगामी वर्षों में स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए प्रोत्साहित किया। मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) और डीएवाई-एनयूएलएम में प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया। अंडमान और निकोबार प्रशासन ने बताया कि पीएम स्वनिधि पहले ही अपना लक्ष्य प्राप्त कर चुकी है।
केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान पहचाने गए पुराने समय से चले आ रहे अपशिष्ट और स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों (सीटीयू) को स्वच्छ करने का भी अनुरोध किया है। केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पुराने समय से चले आ रहे अपशिष्ट के निपटान में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
केंद्रीय मंत्री ने प्रशासन से नये शहरी स्थानीय निकायों को अधिसूचित करके शहरी क्षेत्र को बढ़ाने की संभावना तलाशने को कहा। मनोहर लाल ने पर्यटन, सेवाओं और शिक्षा के लिए अधिक लोगों को आकर्षित करने के लिए नवीन उपायों की पहचान करने का भी अनुरोध किया।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बिजली क्षेत्र से जुड़े मामलों की समीक्षा की
केंद्रीय बिजली और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने आज श्री विजयापुरम में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (एएनएंडआईएस) के लिए बिजली क्षेत्र से जुड़े मामलों की समीक्षा की। बैठक में केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के माननीय उप राज्यपाल डी के जोशी, प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, बिजली मंत्रालय, (भारत सरकार) और केंद्रीय सार्वजनिक बिजली क्षेत्र के उद्यमों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
यह बैठक केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बिजली क्षेत्र के परिदृश्य के संक्षिप्त अवलोकन पर एक प्रस्तुति के साथ शुरू हुई। इस दौरान बिजली की उपलब्धता, बिजली उत्पादन और मांग और आपूर्ति के बीच अंतर की वर्तमान स्थिति, प्रमुख चुनौतियों और संभावित समाधानों पर भी प्रकाश डाला गया।
इसके बाद, विद्युत मंत्रालय के अधिकारियों ने केंद्र शासित प्रदेश में ग्रिड के माध्यम से द्वीप को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं और भारत सरकार द्वारा पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत स्वीकृत वितरण अवसंरचना संवर्धन कार्यों पर एक प्रस्तुति दी। इससे द्वीपों में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, वर्तमान ऊर्जा मिश्रण से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह केंद्र शासित प्रदेश का उनका पहला दौरा है और यह दौरा यहां बिजली क्षेत्र में मुद्दों को समझने और उनके समाधान में महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने द्वीपसमूह में बिजली उत्पादन के नवीकरणीय स्रोतों, विशेष रूप से पवन ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने और ऊर्जा भंडारण की दिशा में डीजल आधारित उत्पादन पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे प्रति यूनिट ऊर्जा लागत में कमी आएगी। उन्होंने इथेनॉल आधारित जैसे ऊर्जा उत्पादन के वैकल्पिक स्रोतों की संभावना तलाशने, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और ईवी चार्जिंग स्टेशनों के महत्व पर भी जोर दिया।
मनोहर लाल ने सरकारी विभागों के बकाए का समय पर निपटारा करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रशासन से समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियां और आपूर्ति की औसत लागत-औसत राजस्व प्राप्ति (एटीएंडसी घाटे और एसीएस-एआरआर) अंतर में सुधार करने का प्रयास करने को कहा।
उन्होंने प्रशासन को आरडीएसएस के तहत स्वीकृत कार्यों के शीघ्र कार्यान्वयन के साथ-साथ योजना के तहत निर्धारित सुधारों को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से किए गए प्रयास बिजली विभाग को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने और केंद्र शासित प्रदेश को अपनी बिजली आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने द्वीप समूह के समग्र विकास में भारत सरकार के निरंतर समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान उप राज्यपाल डी.के जोशी ने शहरी विकास और बिजली क्षेत्र से संबंधित मुद्दों की समीक्षा और श्री विजयापुरम की यात्रा के लिए माननीय केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने वितरण बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं और उनके कार्यान्वयन के लिए आवश्यक उपाय करने का आश्वासन भी दिया।